जयपुर.शहर को स्मार्ट बनाने की तर्ज पर साल 2017 में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की शुरुआत की गई थी. उस समय रोड स्वीपर मशीनें किराए पर लिए गए थे. सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद हेरीटेज नगर निगम ने तो एक रोड स्वीपर मशीन खरीद ली, लेकिन ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar nigam Jaipur) अभी भी किराए की मशीनों से ही काम चला रहा है. वहीं बीते दिनों ग्रेटर निगम की वित्त समिति एक प्रस्ताव लाई थी जिसके मुताबिक रोड स्वीपिंग मशीन के नए टेंडर कर 2 साल में 2 मशीन पर 9.84 करोड रुपए खर्च करने (fund for road sweeping machine in jaipur) की इबारत लिखी गई.
प्रस्ताव के विरोध में उतरे थे सदस्य: इस प्रस्ताव को लेकर समिति के ही सदस्य विरोध पर उतर गए थे. वित्त समिति की सदस्य मीनाक्षी शर्मा, अक्षत खुटेटा, भंवर मालाकर, लक्ष्मण नूनीवाल, बाबूलाल शर्मा और राम बाबू रावत ने इस टेंडर को लेकर आपत्ति जताई, और प्रस्ताव पर मंजूरी देने से भी मना किया था. साथ ही समिति ने रोड स्वीपिंग मशीन किराए पर लेने की बजाए, उसे खरीदने पर सहमति जताई. हालांकि वित्त समिति ने सदस्यों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी. इस पर समिति सदस्यों ने धांधली का आरोप लगाते हुए वित्तीय सलाहकार को पत्र भी लिखा है.