जयपुर. बजरी माफिया और प्रशासन की ओर से अवैध वसूली से बजरी ट्रक ऑपरेटर्स खासे परेशान (troubled by gravel mafia and illegal recovery) हैं. इससे परेशान होकर राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी ने 17 मई को सीएम आवास के घेराव की चेतावनी दी है. ट्रक ऑपरेटर्स ने सोमवार को यह जानकारी दी.
राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी ने बजरी सप्लाई में आ रही परेशानियों से अवगत कराया. ट्रक ऑपरेटर्स ने बताया कि राज्य में भारी मात्रा में अवैध बजरी खनन एवं उसका परिवहन किया जा रहा है. इसे रोकने के लिए विभाग के साथ बजरी ट्रक ऑपरेटर्स और लीज धारक भी चिंतित है. ऐसे में कुछ उपायों के माध्यम से इन पर रोक लगाई जा सकती है. राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अजय चौधरी ने आरोप लगाया कि वैध बजरी खनन शुरू होने के बाद खान विभाग देवली से जयपुर आने वाली गाड़ियों के रवाना करने में 6 घंटे का समय दिया जा रहा है. गाड़ियां समय पर जयपुर तो पहुंच जाती है, लेकिन कुछ गाड़ियां ग्राहक के अभाव में खाली नहीं हो पाती और इसके कारण गाड़ियां खड़ी रह जाती है. उन गाड़ियों का समय भी समाप्त हो जाता है.
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आरोप है कि पुलिस और माइनिंग विभाग गाड़ी पर सख्त कार्रवाई कर उसे अवैध बता देते हैं और गाड़ी मालिक से दो लाख रुपये तक वसूल कर लिए जाते हैं, जिससे गाड़ी मालिकों को बड़ा नुकसान हो रहा है. गाड़ी मालिक यह वसूली आम जनता से करता है जिससे आम जनता को भी अधिक कीमत देकर बजरी खरीदनी पड़ती है. अजय चौधरी ने कहा कि बजरी परिवहन वाली गाड़ियों में जीपीएस लगा होता है. विभाग जीपीएस से यह जांच कर सकता है कि बजरी खनन अवैध है या नहीं. अजय चौधरी ने कहा कि बजरी माफियाओं की ओर से बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे वैध बजरी ला रहे गाड़ी मालिकों को नुकसान होता है.
लीज धारक ट्रक ऑपरेटर्स की गाड़ी को अंडरलोड बजरी देते है. जबकि बजरी माफियाओं की ओर से बजरी का ओवरलोड परिवहन किया जाता है जिससे वे कम रेट में बजरी बेच कर चले जाते हैं. बजरी माफिया लीज राशि, प्रीमियम, परमिट फीस, जीएसटी कुछ नहीं देते, जिससे सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. अजय चौधरी ने कहा यदि 7 दिन में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो ट्रक ऑपरेटर्स 17 मई को सीएम आवास का घेराव करेंगे.
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अजय चौधरी ने बताया कि अवैध माइनिंग को रोकने के लिए पहले तो खनन क्षेत्रों से निकलने वाले मुख्य रास्तों और चोर रास्तों पर सरकार स्वयं के स्तर पर चैक पोस्ट स्थापित करे. जिसमें पुलिसकर्मी व माइनिंग फोरमैन 24 घंटे के लिए रोटेशन के आधार पर तैनात रहें. इससे अवैध बजरी परिवहन करने वाले वाहनों को जब्त किया जा सके. सरकार चाहे तो यूनियन के सदस्य नि:शुल्क सेवा देने के लिए भी तैयार हैं.
मध्य प्रदेश की तर्ज पर हो व्यवस्था: राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी के संरक्षक एनआर मीणा ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में ऐसी व्यवस्था है कि बजरी परिवहन करने वाले वाहनों को खनन, परिवहन, राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी निर्धारित चेक पोस्ट पर ही चेक कर सकते हैं, दूसरी जगह नहीं. इसके विपरीत राजस्थान में वन विभाग, प्रदूषण विभाग, राजस्व विभाग, प्रशासन के अधिकारी, खनन विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कहीं भी वाहनों की जांच कर लेते हैं. इसलिए राजस्थान में भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर व्यवस्था हो, जिसमें खान विभाग के अलावा कोई भी विभाग बजरी परिवहन करने वाले वाहनों की जांच न करें.