जयपुर.जंगलों में भोजन चक्र से प्रभावित वन्यजीव मानव बस्तियों की तरफ रुख करने पर आमादा हो चुके हैं. यही वजह है जयपुर में आए दिन पैंथर और दूसरे वन्यजीव शहरी क्षेत्र में दिखाई देते हैं. जंगल में सिमटते भोजन चक्र को दोबारा विकसित करने के लिए अब वन विभाग देश की पहली लेपर्ड सफारी, झालाना लेपर्ड सफारी में ग्रास लैंड विकसित कर रहा है. जो कि शाकाहारी वन्यजीवों के लिए अमृत के समान है.
बता दें कि लेपर्ड सफारी में मौजूद जूली फ्लोरा को हटाकर जमीन को साफ करके उसमें धामन घास के बीज बोए गए हैं. जूली फ्लोरा एक ऐसा पेड़ जो कि अपने आसपास की वनस्पति को नष्ट कर देता है. इस पौधे को जड़ से समाप्त करवाया जा रहा है, ताकि वापस नहीं पनप सकें. जमीन को साफ करके उसमें धामन घास डवलप की जा रही है. धामन घास खाने में मीठी होती है. इसमें कीट पतंगे पनपते हैं, जिनको वन्यजीव खाते हैं.
वहीं ग्रास लैंड में लेसवा, केरुन्दा, बेर, गूलर, पीपल, बरगद, शीशम, पिलकन जैसे विभिन्न प्रजातियों के फलदार और छायादार पौधे भी लगाए जा रहे हैं. ग्रास लैंड में लेपर्ड को भी आसानी से शिकार मिल पाएगा. जिसके बाद लेपर्ड को जंगल से बाहर निकलने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही पर्यटकों को लेपर्ड की साइटिंग भी आसानी से होगी.