जयपुर. कांग्रेस पार्टी की ओर से 4 सितंबर को महंगाई के खिलाफ दिल्ली में महा रैली का आयोजन किया जा रहा है. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और यह दिल्ली के नजदीक होने के चलते सबसे ज्यादा संख्या में कार्यकर्ताओं को दिल्ली ले जाने की जिम्मेदारी भी राजस्थान कांग्रेस पर ही होगी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा भी किया है कि राजस्थान से 50 हजार कांग्रेस कार्यकर्ता और आमजन इस महंगाई रैली में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली (Dotasra claims 50000 crowd in Dehli rally) पहुंचेंगे.
भले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह दावा कर दिया हो, लेकिन हकीकत यह है कि बिना संगठन के भीड़ ले जाने के लिए डोटासरा एक बार फिर सरकार, मंत्रियों और विधायकों पर ही निर्भर हैं. अगर मंत्री, विधायकों ने उम्मीद के मुताबिक भीड़ लाने में सहायता कर दी, तो रैली सफल हो जाएगी. अन्यथा भीड़ इकट्ठा करने में डोटासरा को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी किस पर: किसी भी प्रदेश में जब पार्टी सत्ता में होती है, तो पार्टी के कार्यक्रम के लिए संसाधन देने का काम सरकार ही करती है. संख्या कौन और कैसे लेकर जाएगा, यह संगठन ही तय करता है. लेकिन राजस्थान में संगठन अभी तैयार नहीं है और जिला और ब्लाक कार्यकारिणी बनी नहीं है. ऐसे में अब संसाधनों के साथ ही भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी भी पूरी तरीके से सरकार पर आ गई है. यही कारण है कि जब डोटासरा के पास अपना संगठन ही नहीं है, तो वह किसे कह कर दिल्ली जाने के लिए भीड़ जुटाएं. ऐसे में सरकार मंत्री और विधायक ही उनके लिए रैली को सफल बनाने की चाबी है. लेकिन लगा था 2 साल से सरकार का हिस्सा होकर संगठन के लिए सड़कों पर उतरने के साथ ही बार-बार भीड़ इकट्ठा करने के काम से अब मंत्री भी हांफने लगे हैं.
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सितंबर में मिल जाएगा डोटासरा को पूरा संगठन:डोटासरा 2 साल पहले राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे, लेकिन उनके पास पदाधिकारियों के नाम पर केवल 43 की कार्यकारिणी और 13 जिलाध्यक्ष ही हैं. इनमें से भी 5 जिला अध्यक्ष और आधा दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों को एक पद पर 5 साल से ज्यादा रहने के चलते इस्तीफा देना पड़ा है. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का जिला और ब्लॉक संगठन तैयार नहीं है. लेकिन अब उम्मीद है कि जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव डिक्लेअर हो चुके हैं, तो सितंबर महीने में हर हाल में कांग्रेस पार्टी को उसका पूरा संगठन मिल जाएगा.