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आज जो शीर्ष सत्ता में बैठे हैं, वे झूठ फैला रहे हैं कि पटेल और नेहरू में नहीं बनती थी - डोटासरा

भारत सेवा संस्थान की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम अशोक गहलोत मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने की. यहां सीएम के आने से पहले मंच से संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर कड़े प्रहार किये.

राष्ट्रीय एकता और संकल्प दिवस
राष्ट्रीय एकता और संकल्प दिवस

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Published : Oct 31, 2021, 11:01 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 6:57 AM IST

जयपुर. राष्ट्रीय एकता और संकल्प दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन का मंच राजनीतिक मंच बनता दिखा. इस मंच से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर कड़ा प्रहार किया. डोटासरा ने कहा कि आज जो शीर्ष सत्ता में बैठे हैं, वो झूठ फैला रहे हैं कि पटेल और नेहरू में नहीं बनती थी, लेकिन उन्हें कैसे पता चला, उस दौर में तो वो दो-पांच साल के रहे होंगे.

डोटासरा यहीं नहीं रुके. उन्होंने केंद्र सरकार और प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर योजनाओं और भवनों का नाम बदल कर पुराना शरबत नई बोतल में डाल कर पेश करने का आरोप भी लगाया. राष्ट्रीय एकता और संकल्प दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में डोटासरा ने ये बातें कही. सरदार पटेल की जयंती और इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में मंच से केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर शब्द बाण चलाए. जिसमें कवियों के साथ-साथ शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी पीछे नहीं रहे.

'सत्ता में बैठे शीर्ष नेता झूठ फैला रहे'

भारत सेवा संस्थान की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम अशोक गहलोत मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने की. यहां सीएम के आने से पहले मंच से संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जब महापुरुषों की बात हो रही थी तो बीजेपी ने चुपके से एक मूर्ति की बात चला करके ये प्रचारित कर दिया कि सरदार पटेल और नेहरू जी की नहीं बनती थी. ये उन्हें कैसे पता चला. देश की शीर्ष सत्ता पर बैठे लोग तब तो मुश्किल से दो पांच साल के हुए होंगे.

डोटासरा ने कहा कि केवल मतभेद पैदा करना, भ्रम फैलाना, झूठ बात करना और अपनी झूठ बात को जोर-जोर से बार बार बोलकर सत्य साबित करना इनका मूल मंत्र और मूल हथियार है. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी का देश के लिए बड़ा योगदान है. मां-बेटा दोनों देश की एकता और अखंडता के लिए शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले कभी अमृत महोत्सव मनाते हैं, उनमें नाम नहीं लेते, कभी जयंती-पुण्यतिथि आती है तो नाम नहीं लेते. पटेल साहब की बड़ी मूर्ति लगाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कुचेष्टा करते हैं. कहते हैं कांग्रेस और पटेल की बनती नहीं थी. आज जो परिस्थितियां पैदा की जा रही है. उसमें ऐसे लोगों को महान और वीर बताया जा रहा है, इतिहास के पन्नों में जिनके लिए दर्ज है कि उन्होंने माफियां मांगी. मुखबिरियों का प्रस्ताव दिया, मुखबिरी की, अंग्रेजों से पेंशन ली और आज ऐसे लोगों को मानने की बात कहते हैं.

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उन्होंने कहा कि यहां शिक्षा संकुल से पहले राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया. योजनाओं में से इंदिरा गांधी और नेहरु जी का नाम हटा दिया गया. राजीव गांधी ने जो एजुकेशन पॉलिसी दी उसी पुराने शरबत को नई बोतल में डाल कर मोदी ब्रांड नाम दिया जा रहा है. यही नहीं, निर्मल भारत जो अभियान मनमोहन सरकार ने शुरू किया, उसे स्वच्छता का नाम देकर गांधी जी का चश्मा लगा दिया. ये कुचेष्टा और दुष्प्रयास कर सकते हैं कि कांग्रेस गांधीजी को नहीं मानती और वो महात्मा गांधी के नाम से ये कर रहे हैं. यही वजह है कि राज्य में इंग्लिश मीडियम स्कूलों का नाम महात्मा गांधी के नाम से रखा गया, क्योंकि इस नाम को वो जिंदगी में कभी मिटा नहीं पाएंगे.

इस दौरान मंच से डोटासरा ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान में देश में लोकतंत्र की हत्या और चीरहरण किया जा रहा है. अमित शाह के नाम से बीजेपी के बागी उम्मीदवारों को रगड़ने की धमकी दी जाती है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या अमित शाह ने रगड़ने का टेंडर ले रखा है.

Last Updated : Nov 1, 2021, 6:57 AM IST

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