जयपुर. गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष बने बुधवार को 100 दिन पूरे हो गए हैं. डोटासरा ने बिना पदाधिकारियों के 100 दिन तो पूरे कर लिए हैं लेकिन नगर निगम चुनाव में बिना संगठन के बागियों से मध्यस्थता करने में परेशानी खड़ी हो रही है. अब बागियों को सरकार और संगठन में एडजस्ट करने की बात चल रही है.
राजस्थान नगर निगम चुनाव 2020 में एक ओर प्रत्याशी अब चुनाव में मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने में लगे हैं. दूसरी ओर जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर में अपने बागियों को मनाने में कांग्रेस पार्टी के नेता लगे हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि फिलहाल कांग्रेस पार्टी में संगठन के नाम पर केवल गोविंद सिंह डोटासरा है. जिन्होंने बुधवार को बिना पदाधिकारियों की सेना के 100 दिन पूरे कर लिए हैं. अब क्योंकि नगर निगम चुनाव में टिकट देने में पूरी तरीके से विधायकों और विधायक प्रत्याशियों की चली है. ऐसे में इन नगर निगम चुनाव में बगावत कर रहे नेताओं को मनाएगा कौन क्योंकि बगावत कर रहे नेता तो इन विधायकों और विधायक के प्रत्याशी रहे नेताओं से ही नाराज हैं.
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ऐसे में अगर कांग्रेस का संगठन बना हुआ होता तो वह बागियों को मनाने और मान मनोव्वल में मध्यस्था कर सकता था लेकिन अब हालात यह हो गए हैं कि जिन विधायकों के टिकट वितरण से नाराज होकर नेता बगावत कर रहे हैं, उन्हीं विधायकों पर यह जिम्मेदारी है कि वह बगावत कर रहे नेताओं को 22 अक्टूबर तक मनाएं. जिससे बागी अपना नाम वापस ले और पार्टी प्रत्याशियों को जीत मिले.
कांग्रेस के प्रमुख नेता बागियों को मनाने में जुटे