जयपुर.राज्यापाल कलराज मिश्र बुधवार को आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित 'डिजिटल हेल्थ, संस्टेनेबल डवलपमेंट एंड वेलबिंग' विषयक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘प्रदान्य’ को संबोधित किया. इस दौरान राज्यपाल ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, समग्र और सतत विकास के अंतर्गत प्रारंभ किए गए 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' पर चर्चा की.
राज्यपाल ने अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को किया संबोधित उन्होंने कहा कि इसके जरिए देशभर के नागरिकों को सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हुई है. मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के साथ ही विश्वभर में उत्कृष्ट स्वास्थ्य प्रबंधन को भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है. उन्होंने 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भारतीय अवधारणा की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय दृष्टि आरम्भ से ही समन्वित और समग्र विकास की रही है.
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उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत टेलीमेडिसिन, चिकित्सा शोध और अनुसंधान पर विश्व स्तर के प्रयासों को आमजन के लिए परस्पर साझा किए जाने का भी आह्वान किया. उन्होंने आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय की ओर से डिजिटल हेल्थ के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की.
राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल हेल्थ सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की महती कड़ी है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ राष्ट्र ही सतत विकास के आर्थिक और सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है. 'डिजिटल हेल्थ, सस्टेनेबल डवलपमेंट एंड वेलबिंग' के तहत विश्वभर में असमानताओं को खत्म कर टिकाऊ विकास मानदंडों को सुनिश्चित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मानवता की प्रगति के लिए समग्र विकास ही इस समय एक मात्र विकल्प है.
भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू के पूर्व निदेशक प्रो. जी.पी. पद्मनाभन ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि भारत डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देश के रूप में उभर रहा है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष शुरू किया गया राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य, बीमारियों, उपचार एवं परीक्षण संबंधी समस्त जानकारी उसके स्वास्थ्य कार्ड में संग्रहित की जाएगी.
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ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. एसडी. गुप्ता और प्रेसिडेन्ट डॉ. पीआर. सोडानी ने भी विचार व्यक्त किए. एम्स नई दिल्ली के पूर्व प्रो. डॉ. चन्द्रकांत एस पांडव ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य के 8 आयामों शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक, सामाजिक, आध्यात्मिक, व्यवसायिक, वित्तीय एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य के अन्तर्सम्बंधों की चर्चा की. कार्यक्रम के आरंभ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया. सम्मेलन के दौरान राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऑनलाइन उपस्थित थे.