जयपुर. राजधानी के होटल फेयरमाउंट में शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. बैठक को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के बाद हमने राज्यपाल को पत्र भेजकर विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया था. जिसमें कोरोना वायरस की परिस्थितियों और लॉकडाउन की स्थितियों पर चर्चा करनी थी. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि वो गुरुवार रात को ही असेंबली बुलाने के लिए आदेश जारी कर देंगे.
ऊपर से दबाव के कारण राज्यपाल नहीं दे रहे अनुमति
सीएम गहलोत ने कहा कि हमने रात भर इंतजार किया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि ये हमारी समझ के परे है, सिंपल प्रोसेस जो अपनाया जाता है, गवर्नर को आदेश देना ही पड़ता है, उसको रोकने का कोई कारण नहीं है. हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण मजबूरी में वो अभी विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे हैं, इस बात का हमें बहुत दुःख है. गहलोत ने कहा कि एक तरफ तो विपक्षी पार्टियों की ओर से भी यह मांग की जा रही थी कि असेंबली में क्यों नहीं जाते हैं और आज जब हम विधानसभा सत्र बुलाने को तैयार हैं, तो आदेश नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता देख रही है कि राजस्थान में हो क्या रहा है.
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'राजस्थान में तोड़फोड़ की परंपरा कभी नहीं आए हैं'
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में तोड़फोड़ की ऐसी परंपरा कभी नहीं रही हैं. भैरों सिंह शेखावत के समय दो बार ऐसी परिस्थिति आई थी, लेकिन मैं खुद बलिराम भगत राज्यपाल के साथ गया था और कहा था कि ऐसा राजस्थान में नहीं होता है. दुख इस बात का है कि जो फैसला नहीं हुआ है, टेलीफोन पर राज्यपाल से एक बार फिर बात की है कि आपका एक संवैधानिक पद है उसकी गरिमा के आधार पर उचित फैसला लें, वरना सभी विधायक मिलकर आपसे रिक्वेस्ट करेंगे कि आप अपना फैसला दें और हम असेंबली सोमवार से शुरू करना चाहते हैं.