जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का वह बयान अब उनके गले की फांस बन गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जनता राजभवन का घेराव करेगी तो फिर सरकार की जिम्मेदारी नहीं होगी. इस मामले पर सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जो कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजभवन की ओर से राज्यपाल कलराज मिश्र ने लिखी है.
पत्र में लिखा गया है कि आपका बयान जिसमें आपने संवैधानिक अनुरोध और लिए जाने वाले संवैधानिक निर्णय दोनों को राजनीतिक रंग देने का कार्य किया है, इससे मैं दुखी और आहत हूं. कोई भी पत्र आप की ओर से आता है तो मुझे संविधान प्रदत्त प्रावधानों के अंतर्गत प्रकरण की पूरी जांच करते हुए संविधान सम्मत निर्णय लेना ही होता है और इसका अधिकार भारतीय संविधान ने मुझे दिया है.
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इसके आगे पत्र में लिखा है कि आपने आपकी विधानसभा सत्र बुलाने की अनुशंसा मुझे 23 जुलाई को प्रेषित की थी, अभी मैं कुछ विशेषज्ञों से चर्चा कर पाऊं उससे पहले ही आपने सार्वजनिक रूप में प्रेस के सामने यह कह दिया कि यदि आज राजभवन का घेराव होता है तो आपकी जिम्मेदारी नहीं है. मेरा आपसे इतना निवेदन है कि आप और आपका गृह मंत्रालय क्या राज्यपाल की रक्षा भी नहीं कर सकता है तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के संबंध में आपका क्या मंतव्य है?
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साथ ही यह भी बताएं कि राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क करें? मेरे राजनीतिक जीवन में किसी भी मुख्यमंत्री का ऐसा व्यक्ति हुए मैंने नहीं सुना और चुने हुए विधायकों की ओर से राज्यपाल की आवास के अंदर धरना देना गलत परंपरा और दबाव की राजनीति की शुरुआत तो नहीं है. मेरा आग्रह है कि इन बिंदुओं पर आप अपनी स्थिति स्पष्ट करें.