जयपुर. राज्यपाल मिश्र भारतीय विश्वविद्यालय महासंघ तथा जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से 'नई शिक्षा नीति की क्रियान्वयन रणनीति के अन्तर्गत शिक्षक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा' विषय पर आयोजित पश्चिम क्षेत्रीय कुलपति सम्मेलन में आज गुरुवार को यहां राजभवन से संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी केन्द्रित नई शिक्षा नीति में विज्ञान, मानविकी, कला जैसे विषयों के साथ भारतीय विचारधारा से जुड़े अध्ययन का विकल्प प्रदान किया गया है.
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी शिक्षा नीति में राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान की स्थापना के माध्यम से शोध संस्कृति विकसित करने पर विशेष जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की पहचान भव्य इमारतों से नहीं, बल्कि उनकी अध्ययन-अध्यापन और चिंतन परम्परा से बने. इस उद्देश्य से नई शिक्षा नीति में सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च करने की बात कही गई है.
मिश्र ने कहा कि सूचना व संचार क्रांति के इस युग में शिक्षकों को नवीनतम तकनीक से ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के लिए भी तत्पर रहना होगा तभी उच्च शिक्षा में विश्वस्तरीय गुणात्मक विकास संभव है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि नई शिक्षा नीति में शिक्षक प्रशिक्षण और क्षमता संवर्धन को पूरा महत्व दिया गया है. उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों में वर्षों से चले आ रहे पाठ्यक्रम तथा पाठ्यपुस्तकों को बदलते समय के अनुरूप अद्यतन बनाया जाए.