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औद्योगीकरण में पिछड़े वर्गों को भी मिले भागीदारी- कलराज मिश्र

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Published : Jul 9, 2022, 10:53 PM IST

जयपुर में ग्लोबल इंडिया बिजनेस फोरम की ओर से शनिवार को नेशनल बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड फॉर 2022 (National Business Excellence Award for 2022) आयोजित हुआ. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने औद्योगीकरण में पिछड़े वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

Kalraj Mishra attended the National Business Excellence Award for 2022
राज्यपाल कलराज मिश्र

जयपुर. शनिवार को ग्लोबल इण्डिया बिजनेस फोरम की ओर से नेशनल बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड फॉर 2022 (National Business Excellence Award for 2022) आयोजित हुआ. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिरकत की. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने औद्योगीकरण में पिछड़े वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने का आह्वान किया. मिश्र ने कहा कि 'लोकल' को 'ग्लोबल' के रूप में स्थापित करने के लिए बड़े और छोटे उद्योग मिल कर कार्य करें.

औद्योगिकरण में पिछड़े वर्गों की भूमिका को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि औद्योगिकरण में पिछड़े वर्गों के कल्याण को सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जाएं. औद्योगिकीकरण के जरिए ही देश तेजी से विकास कर सकता है, इसके लिए उद्यमियों को देश के संस्थानों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए स्थानीय स्तर पर उत्कृष्ट उत्पादन तैयार करने होंगे. साथ ही इनकी प्रभावी विपणन भी करना होगा. मिश्र ने कहा कि देश में इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता कौशल विकास के जरिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की है. उद्योग और शिक्षण संस्थानों के समन्वय से इस तरह के प्रशिक्षण उपलब्ध करवाए जाएं , जिनसे अध्ययन के समिति युवा उद्यमिता के लिए प्रेरित हो सकें.

राज्यपाल कलराज मिश्र का बयान

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युवाओं में उद्यमशीलता की भावना जगाने से संबंधित विशेष पाठ्यक्रमों पर जोर: राज्यपाल कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति में भी व्यवसायिक कौशल विकास और युवाओं में उद्यमशीलता की भावना जगाने से संबंधित विशेष पाठ्यक्रमों पर जोर दिया है. नवाचार आधारित स्टार्टअप शुरू करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकाधिक प्रयास किए जाने चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि पिछड़े वर्गों को व्यवसाय क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए देश में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. पिछड़े वर्ग के लोगों की मदद के लिए महत्वपूर्ण पहल करते हुए 'वेंचर कैपिटल फंड' बनाने के साथ ही प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज की भी व्यवस्था की गई है.

देश की जीडीपी में 30 प्रतिशत हिस्सेदार: राज्यपाल ने कहा कि कृषि के बाद में एमएसएमई ही सर्वाधिक लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है. देश की जीडीपी में 30 प्रतिशत और विनिर्माण में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी इसी क्षेत्र की. केंद्र सरकार में एमएसएमई विभाग का मंत्री रहते उन्होंने एमएसएमई उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन समेत कई अहम नीतिगत पहल की थी.

व्यापार उत्कृष्टता के लिए बेहतरीन कार्य करने वाले व्यवसायी सम्मानित: राज्यपाल ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र अब कोविड के दौर से आगे निकलकर वापस गति पकड़ रहा है. ऐसे में बड़े उद्योग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को सहारा देकर लोकल उत्पादों को ग्लोबल के रूप में स्थापित करने में मदद करें. मेक इन इंडिया के अंतर्गत हम ऐसे उत्पाद दुनिया के बाजारों को दें जो दूसरे देशों की अपेक्षा अधिक सस्ते, गुणवत्ता पूर्वक और बेहतर होगा. औद्योगिक और व्यवसायिक विकास में पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ने का सुझाव दिया. ताकि ग्लोबल वार्मिंग से परिस्थितिकी संतुलन पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने व्यापार उत्कृष्टता के लिए बेहतरीन कार्य करने वाले व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों को सम्मानित करते हुए उन्हें बधाई दी.

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देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान: कार्यक्रम में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए इसे सभी स्तरों पर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए उद्यमियों से संकल्पित होकर कार्य करने का आह्वान किया.

ग्लोबल इंडिया बिजनेस फोरम के अध्यक्ष डॉ जितेंद्र जोशी ने कहा कि देश की करीब 65 प्रतिशत आबादी युवा है. इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में एमएसएमई क्षेत्र की बड़ी भूमिका है.

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना: कार्यक्रम में जापान के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की स्मृति में 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने भारतीय संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी किया.

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