जयपुर. शनिवार को ग्लोबल इण्डिया बिजनेस फोरम की ओर से नेशनल बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड फॉर 2022 (National Business Excellence Award for 2022) आयोजित हुआ. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिरकत की. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने औद्योगीकरण में पिछड़े वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने का आह्वान किया. मिश्र ने कहा कि 'लोकल' को 'ग्लोबल' के रूप में स्थापित करने के लिए बड़े और छोटे उद्योग मिल कर कार्य करें.
औद्योगिकरण में पिछड़े वर्गों की भूमिका को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि औद्योगिकरण में पिछड़े वर्गों के कल्याण को सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जाएं. औद्योगिकीकरण के जरिए ही देश तेजी से विकास कर सकता है, इसके लिए उद्यमियों को देश के संस्थानों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए स्थानीय स्तर पर उत्कृष्ट उत्पादन तैयार करने होंगे. साथ ही इनकी प्रभावी विपणन भी करना होगा. मिश्र ने कहा कि देश में इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता कौशल विकास के जरिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की है. उद्योग और शिक्षण संस्थानों के समन्वय से इस तरह के प्रशिक्षण उपलब्ध करवाए जाएं , जिनसे अध्ययन के समिति युवा उद्यमिता के लिए प्रेरित हो सकें.
युवाओं में उद्यमशीलता की भावना जगाने से संबंधित विशेष पाठ्यक्रमों पर जोर: राज्यपाल कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति में भी व्यवसायिक कौशल विकास और युवाओं में उद्यमशीलता की भावना जगाने से संबंधित विशेष पाठ्यक्रमों पर जोर दिया है. नवाचार आधारित स्टार्टअप शुरू करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकाधिक प्रयास किए जाने चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि पिछड़े वर्गों को व्यवसाय क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए देश में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. पिछड़े वर्ग के लोगों की मदद के लिए महत्वपूर्ण पहल करते हुए 'वेंचर कैपिटल फंड' बनाने के साथ ही प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज की भी व्यवस्था की गई है.
देश की जीडीपी में 30 प्रतिशत हिस्सेदार: राज्यपाल ने कहा कि कृषि के बाद में एमएसएमई ही सर्वाधिक लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है. देश की जीडीपी में 30 प्रतिशत और विनिर्माण में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी इसी क्षेत्र की. केंद्र सरकार में एमएसएमई विभाग का मंत्री रहते उन्होंने एमएसएमई उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन समेत कई अहम नीतिगत पहल की थी.