जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले बजट में यह घोषणा की थी की राजधानी जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाया जायेगा. हालांकि अब दूसरा बजट आने को है लेकिन इस घोषणा पर कोई खास एक्शन नहीं लिया गया है. देशी विदेशी सैलानियों सहित शहरवासी भिखारियों से अभी भी परेशान हैं.
पिछले बजट में की गई घोषणा पर अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अब जाकर काम करना शुरू किया है. विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक उन्हें कोई एनजीओ इसे लेकर काम करने की सहमति नहीं दे रहा था, लेकिन अब जयपुर कलेक्टर की ओर से इस पर काम करने के लिए तीन एनजीओ का चयन कर लिया गया है. जिनके साथ फरवरी महीने में ही एमओयू (Memorandum of Understanding) होगा.
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इस काम के लिए एनजीओ को हर भीख मांगने वाले पर 2000 रुपए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से दिए जाएंगे. पहले चरण में जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त किया जाएगा उसके बाद में कोटा में यह अभियान चलेगा. पहले चरण के लिए जयपुर शहर के हर चौराहे पर बिना वर्दी के पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे जो इन भिखारियों को पकड़कर एनजीओ के सेंटर पर लेकर जाएंगे. जहां प्रति सेंटर सौ भीख मांगने वाले रखे जाएंगे और उनके खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर यह काम छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
मंत्री मास्टर भंवरलाल का कहना है कि उनका टारगेट जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाना है, अब चाहे तो भिखारी एनजीओ के सेंटर में जा कर रहें या फिर जयपुर छोड़ जाएं. उन्होंने कहा कि जो भी एनजीओ के सेंटर में जाएंगे उनके खाने-पीने, रहने के अलावा बच्चों की पढ़ाई तक का इंतजाम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग करेगा.इसके साथ ही उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास भी किया जाएगा.
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गौरतलब है कि पर्यटन के दृष्टि से महत्वपूर्ण जयपुर शहर में भीख मंगवाने वाली कई गैंग काम कर रही हैं. जिनमें कई मामले तो ऐसे भी आए हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को गिरोह के सरगना भीख मंगवाते हैं. अगर सरकार इनकी किसी तरीके से धरपकड़ करती भी है तो ज्दातार ये गैंग अपना क्षेत्र बदल लेती हैं लेकिन ये काम नहीं रूक पाता. अब देखने वाली बात होगी जयपुर को भिखारी मुक्त करने की सरकार की ये योजना कितना कारगर साबित होती है.