जयपुर. गहलोत सरकार ने पद के दुरुपयोग मामले में जयपुर के मौजूदा कलेक्टर और तत्कालीन एसडीओ जगरूप यादव को बड़ी राहत दी है. प्रदेश सरकार ने जगरूप यादव के खिलाफ दी गई अभियोजन स्वीकृति वापस ले ली है. सरकार ने अभियोजन स्वीकृति एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर दी थी. सरकार द्वारा अभियोजन स्वीकृति वापस लेने के बाद अब जगरूप यादव के खिलाफ न्यायालय में मामला आगे नहीं बढ़ेगा.
जयपुर कलेक्टर पर मेहरबान सरकार, पद के दुरुपयोग मामले में अभियोजन स्वीकृति ली वापस
गहलोत सरकार ने पद के दुरुपयोग मामले में जयपुर के मौजूदा कलेक्टर और तत्कालीन एसडीओ जगरूप यादव को बड़ी राहत दी है. सरकार ने जगरूप यादव के खिलाफ दी गई अभियोजन स्वीकृति वापस ले ली है.
दरअसल जगरूप यादव के खिलाफ उपखंड अधिकारी सांभर लेक जिला जयपुर पर रहने के दौरान पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज हुआ था. मामले में एसीबी ने जांच पूरी कर अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, जिसको तत्कालीन सरकार ने दे दी थी. लेकिन अब उसी रिपोर्ट के आधार पर गहलोत सरकार ने पूर्व में दी गई अभियोजन स्वीकृति को वापस ले लिया है.
जयपुर कलेक्टर बनने के बाद जगरूप यादव को लेकर खासा चर्चा रही थी. रेनवाल में शिवायचक जमीन पर पट्टे देने, नगर निगम सीईओ रहते भ्रष्टाचार के आरोप जैसे कई मामले जगरूप यादव के खिलाफ चल रहे हैं और कई मामले न्यायालय में विचाराधीन भी है. बावजूद इसके गहलोत सरकार ने कामकाज संभालने के साथ ही जयपुर का जिम्मा जगरूप यादव को दिया था. अब सरकार ने अभियोजन स्वीकृति वापस लेकर यह दिखा दिया कि जगरूप यादव मौजूदा सरकार के लिए कितने चहेते अफसर है. हालांकि लोकसभा चुनाव के वक्त जगरूप यादव को लेकर चर्चाएं जोरों पर थी, कि वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था.