जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की जांच के लिए कुल 10 लाख किट मंगवाएगी. आने वाले दिनों में हमारी टेस्टिंग क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.
उन्होंने कहा कि एसएमएस हॉस्पिटल की लैब में कोरोना की नियमित जांच की क्षमता में बढ़ी है. प्रदेश के 6 संभागीय मुख्यालयों के मेडिकल कॉलेजों की लैब में भी इसकी जांच हो रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल में सबसे पहले भर्ती हुए कोरोना पॉजिटिव रोगियों के इलाज के लिए बनाए गए दवाओं के कॉम्बिनेशन की दुनिया के कई देशों में सराहना हुई है.
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यह हमारी बड़ी उपलब्धि है कि हमारे अनुभवों को दुनियाभर में मान्यता मिली है. इसका लाभ वहां के मरीजों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले स्वाइन फ्लू का सामना करते हुए हमें जो अनुभव मिले वो आज कोविड-19 के मरीजों को ठीक करने में काम आ रहे हैं.
संक्रमित व्यक्ति के एक-एक सम्पर्क की पहचान
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार भीलवाड़ा मॉडल को अपनाते हुए ‘रूथलेस कन्टेनमेंट’ में जुटी हुई है. यह एक महामारी है, इसका मुकाबला करने में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी.
पुलिस प्रशासन को भी लॉकडाउन एवं कर्फ्यू की पालना सख्ती से कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के एक-एक सम्पर्क की पहचान कर उस तक पहुंचा जा रहा है.
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रामगंज क्षेत्र में केवल एक मौहल्ले में ही अधिक संक्रमण फैला है, जिसे रोकने में हम कामयाब होंगे, चिंता की कोई बात नहीं है. इसी प्रकार बासंवाड़ा के कुशलगढ़ में भी एक क्षेत्र विशेष में संक्रमण हुआ है, जिस पर तयशुदा प्रोटोकॉल के तहत निगरानी की जा रही है.
एक बार घर जाने की मिले छूट
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत बड़ी समस्या है कि मजदूरों की आजीविका छिन गई है. कई जगह उन्हें राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है. मजदूर इस देश के विकास की रीढ़ हैं.
70 साल के दौरान देश में उद्योगों को खड़ा करने में उनकी बड़ी भूमिका है. मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अब जो लोग रास्ते में अटके पड़े हैं, उन्हें एक बार घर जाने की छूट दी जानी चाहिए.
राज्यों के संपर्क में हैं अफसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के सहयोग और उनकी शिकायतों के समाधान के लिए सभी सरकारों ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं. कुछ अधिकारियों को सिर्फ इसी काम के लिए नियोजित किया है. राजस्थान में भी दो आईएएस अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो दूसरे राज्यों के अधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में हैं.
अर्थव्यवस्था के मिसिंग लिंक, रोजगार के उपायों पर विचार
गहलोत ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर कहा कि लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ने के बावजूद प्रदेश में कुछ उद्योगों को शुरू करने की योजना पर विचार किया गया है. इस पर विशेषज्ञों की राय भी ली गई है.
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अर्थव्यवस्था के मिसिंग लिंक को जोड़ने, लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने और रोजगार की व्यवस्था करने सहित सभी उपायों पर प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के बाद ही विस्तार से चर्चा की जाएगी. गहलोत ने कहा कि आमजन में संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूकता पैदा करने में भी मीडिया की भूमिका सराहनीय रही है.
फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी कम्पनियों को सीधे खरीद में प्राथमिकता
गहलोत ने कहा कि कृषि जिन्सों की न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं खुली खरीद प्रक्रिया के जरिए 15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से खरीद के निर्देश दिए हैं. कोटा मण्डी में 16 अप्रैल से एमएसपी पर खरीद शुरू हो जाएगी.
प्रोसेसिंग से जुड़ी कम्पनियों को किसानों से सीधे खरीद में प्राथमिकता दी जाएगी ताकि, राशन और भोजन सामग्री की उपलब्धता में मदद मिल सके. सरसों और चने की खरीद के लिए भी 677 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, जबकि गेहूं की खरीद की लिए गौण मण्डियां स्थापित की गई हैं.
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वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने मीडिया प्रतिनिधियों से सवाल पूछकर वीडियो कॉन्फ्रेंस वार्ता का संचालन किया.