जयपुर. कोरोना को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है, लेकिन जिला प्रशासन उसी कोरोना वायरस को लेकर लापरवाह बना हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जो संसाधन सरकारी दफ्तरों में होने चाहिए वे जयपुर कलेक्ट्रेट में नजर नही आए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन थी कि सरकारी दफ्तरों के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर और हैंड सेनिटाइजर रखा जाएगा, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके, लेकिन बुधवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के किसी भी प्रवेश द्वार पर ना तो थर्मल स्कैनर दिखाई दिया और न ही हैंड सेनिटाइजर. वहीं कर्मचारी बेखौफ बिना किसी सुरक्षा के अपने दफ्तरों में पहुंच रहे थे.
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ईटीवी भारत की टीम बुधवार सुबह जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में पहुंची और यहां सभी प्रवेश द्वारों का जायजा लिया. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में स्थित विभिन्न शाखाओं में कर्मचारियों के जाने के पांच प्रवेश द्वार बने हुए हैं और इसके अलावा मुख्य पोर्च में भी प्रवेश द्वार बना हुआ है. जहां से कर्मचारियों के साथ जयपुर जिला कलेक्टर और अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है.
सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम मुख्य पोर्च में बने प्रवेश द्वार पर पहुंची, यहां थर्मल स्कैनर और हैंड सेनिटाइजर तो दूर कलेक्ट्रेट का कोई कर्मचारी तक नजर नहीं आया. यहां से कर्मचारी कोरोना के खौफ के बिना अपनी अपनी शाखाओं में जाते हुए नजर आए. इसी प्रवेश द्वार से जयपुर जिला कलेक्टर भी अपने दफ्तर जाते हैं और अन्य शाखाओं के कर्मचारी भी.
किसी भी गेट पर थर्मल स्कैनर और हैंड सैनिटाइजर नजर नहीं आया-