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'Right to Health' को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करे भारत सरकार: CM गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से 'राइट टू हेल्थ' को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इससे देश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके.

Ashok Gehlot tweet, Gehlot
सीएम अशोक गहलोत

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Published : Aug 24, 2021, 2:22 PM IST

जयपुर. 'राइट टू हेल्थ' की अनिवार्यता को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मांग की है. सीएम गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल किया जाए ताकि देश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके.

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सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि हमारा प्रयास है कि राजस्थान का कोई भी नागरिक इलाज के अभाव में कष्ट न पाए. भारत सरकार को अब 'राइट टू हेल्थ' को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करना चाहिए और सभी नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना चाहिए.

सीएम गहलोत ट्वीट

गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने 'राइट टू हेल्थ' की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहले चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से पूरे प्रदेश में OPD और IPD का सम्पूर्ण इलाज मुफ्त किया. केंद्र सरकार को भी चाहिए कि वह देश की जनता को 'राइट टू हेल्थ' का अधिकार दें और इनको संविधान की मूल अधिकारों में शामिल किया जाना चाहिए.

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने दूसरे शासनकाल में राजस्थान में निशुल्क दवा योजना और निशुल्क जांच योजना के जरिए प्रदेशवासियों के लिए स्वास्थ्य उपचार फ्री किया था. इसके बाद अपने तीसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिए 5 लाख तक का इलाज निजी अस्पतालों में निशुल्क किया है.

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