जयपुर.गुर्जर आरक्षण के बाद अब जाट आरक्षण सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. धौलपुर और भरतपुर के जाट समाज को ओबीसी में शामिल करने की मांग को लेकर जाट समाज ने महाराजा सूरजमल जयंती यानी 25 दिसंबर से खेड़ली मोड़ पर नेशनल हाइवे पर महापड़ाव डालने का एलान किया हुआ है. इस महापड़ाव की घोषणा के बाद सरकार ने गुरुवार को जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिन में वार्ता हुई.
वार्ता में 3 में से 2 बिंदु जिसमें आंदोलन के दौरान लगे मुकदमे और 2017 के शेष बचे अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर तो सहमति बन गई, लेकिन एक जो महत्वपूर्ण बिंदु था कि 9वीं सूची में जाट समाज को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार केंद्र को शिफारिश चिट्ठी लिखे, उस पर सहमति नहीं बनी थी और वार्ता विफल हो गई थी.
4 घंटे की वार्ता विफल होने के बाद संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह फौजदार ने यह एलान कर दिया था कि सरकार जाट समाज के हित में फैसला नहीं करना चाहती, इसलिए वह चिट्ठी लिखने से बच रही है. ऐसे में अब जाट समाज के सामने आंदोलन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है, जाट समाज 25 दिसंबर यानी महाराजा सूरजमल की जयंती के अवसर पर खेड़ली मोड़ नेशनल हाइवे पर महापड़ाव डालेगा.
जाट समाज की इस नाराजगी को देखते हुए सरकार देर रात बैकफुट पर आई सरकार की तरफ से संघर्ष समिति के नेताओं को वार्ता के लिए फिर से बुलाया गया और ये आश्वस्त किया गया कि सरकार सोमवार को जाट समाज के पक्ष में केंद्र को चिट्ठी लिखेगी, लेकिन जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने वार्ता के लिए आने से इनकार करते हुए यह कह दिया कि सरकार के सोमवार को चिट्ठी लिखने के आश्वासन को स्वीकार करना है या नहीं इसको लेकर अंतिम निर्णय कल सूरजमल जयंती पर होने वाले कार्यक्रम के दौरान समाज के पंचों के बीच में चर्चा करके लिया जाएगा.
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आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह फौजदार ने कहा कि सरकार अब सोमवार को चिट्ठी लिखने को लेकर आश्वासन दे रही है. सरकार की तरफ से कार्मिक विभाग के एक अधिकारी की ओर से ये आश्वासन दिया गया है, लेकिन सरकार के इस आश्वासन को स्वीकार करना है या नहीं इसका निर्णय कल महाराजा सूरजमल जयंती के कार्यक्रम में समाज के बीच में लेंगे. समाज के लोगों से चर्चा करने के बाद ही तय करेंगे कि महापड़ाव को सोमवार तक के लिए स्थगित किया जाए या फिर सोमवार तक सरकार की ओर से चिट्ठी लिखे जाने तक महापड़ाव जारी रखा जाए.