जयपुर.14 फरवरी को हुई एंपावर्ड कमेटी की मीटिंग में लिए गए फैसलों पर नगरीय विकास विभाग ने मुहर लगा दी है. राज्य सरकार ने जेडीए के 5 प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है. इनमें वेस्टवे हाइट्स, लोहामंडी, गोपालपुरा बायपास और न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना के रिजर्व प्राइस तय करने के साथ सेंट्रल स्पाइन योजना के विवाद को दूर करना शामिल है. जयपुर विकास प्राधिकरण की वर्षों से लंबित चल रही योजनाओं का एंपावर्ड कमेटी की बैठक में समाधान निकाले जाने के बाद, अब यूडीएच विभाग ने भी इस पर मुहर लगा दी है. हालांकि, अभी भी सेंट्रल स्पाइन और ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर इंतजार करना होगा. लेकिन, जेडीए के लिए राहत की बात ये है कि गोपालपुरा बायपास योजना, वेस्टवे हाइट्स और लोहामंडी योजना के रास्ते खुले हैं, इससे जेडीए के खजाने में 1800 करोड़ से ज्यादा का राजस्व आएगा.
वेस्ट वे हाइट्स योजना...
1989 में अजमेर रोड पर ट्रक टर्मिनल योजना के तहत लैंड एक्विजिशन की कार्रवाई शुरू की गई थी. इसके बाद सेकंड फेज में 2002 में लैंड एक्विजिशन की गई. लेकिन, काश्तकार-किसान और जेडीए के बीच मुआवजे को लेकर विवाद चल रहे थे, जिसमें तकरीबन 25 याचिका उच्च न्यायालय में दर्ज हैं. कुछ में स्थगन आदेश भी थे. उनमें काश्तकारों के साथ बैठ समझौता बनाया गया, जिस पर एंपावर्ड कमेटी की बैठक में अनुमति दी गई. मुख्य रूप से ऐसे किसान जिनके न्यायालय से स्थगन हैं और कब्जा अब तक जेडीए को नहीं मिला है. उन जमीनों पर 20% आवासीय और 5% व्यवसायिक जमीन नकद मुआवजे के विकल्प के तौर पर उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही, जो किसानों के पट्टे होंगे, उनमें लीज राशि में 40% माफी की अनुमति दी गई है. इससे वेस्ट वे हाइट्स योजना का विवाद लगभग खत्म हो जाएगा. बहुत जल्द जेडीए यहां आवासीय, व्यवसायिक और एजुकेशन प्लॉट उपलब्ध कराएगा.
लोहा मंडी योजना...
ग्राम माचड़ा में ये योजना तकरीबन 19 साल से लंबित थी. इसमें अवाप्ति से जुड़े हुए विवाद थे, जिसके कारण पूर्व के आवंटियों को भी जेडीए कब्जा नहीं दे पा रहा था और योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही थी. लगभग 130 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाली इस योजना का जो मुख्य विवाद था, उसे एंपावर्ड कमेटी ने नीतिगत निर्णय लेकर उसका हल निकाल दिया है. इस योजना में कैंप लगाकर इनका हल किया जाएगा. इसमें चार बाजार लोहा मंडी, इलेक्ट्रिक मंडी, सैनिटरी वेयर और हार्डवेयर विकसित होंगे, जिससे रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे. जेडीए को राजस्व मिलेगा और सीकर रोड पर एक बड़ी योजना विकसित हो पाएगी.
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