राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कृषि कानून वापस लेकर वनस्पति-पशुधन को उद्योग का दर्जा दे सरकार : गोपीचंद गुर्जर - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

किसान मजदूर संवर्धन संघर्ष समिति ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों को समर्थन देते हुए सरकार से मांग की है कि वनस्पति और पशुधन से जुड़े कार्यों को उद्योग का दर्जा दिया जाए. मंगलवार को प्रेस वार्ता में संगठन के संरक्षक और पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर ने यह मांग उठाई.

Protest of farmers in Jaipur, Gopichand Gurjar protest against agricultural laws
गोपीचंद गुर्जर ने केंद्र सरकार से की कृषि कानून वापस लेने की मांग

By

Published : Dec 22, 2020, 8:55 PM IST

जयपुर. तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को लगातार अन्य संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को किसान मजदूर संवर्धन संघर्ष समिति ने भी किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. साथ ही सरकार से वनस्पति और पशुधन से जुड़े कामों को उद्योग का दर्जा देकर आयकर में छूट देने की भी मांग रखी है. संगठन की ओर से आज की गई पत्रकार वार्ता में संरक्षक और पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर ने यह जानकारी दी है.

गोपीचंद गुर्जर ने केंद्र सरकार से की कृषि कानून वापस लेने की मांग

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गोपीचंद गुर्जर ने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने और एमएसपी को खत्म करने की सरकार की नीति से किसान खत्म हो जाएगा. सरकार अभी बेहोशी में है और पूंजीपतियों की गिरफ्त में आकर ऐसे कानून लाई है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में किसानों का भला करने की मंशा रखती तो किसानों और उनसे जुड़े संगठनों से चर्चा कर कानून बनाती. इसके साथ ही गुर्जर ने मांग रखी कि सरकार को वनस्पति और पशुधन से जुड़े कामों को उद्योग का दर्जा देना चाहिए और इन उद्योगों को आयकर से मुक्त करना चाहिए.

पढ़ें-बीजेपी-आरएलपी में बढ़ी तकरार, रामलाल बोले- अवसर की राजनीति करते हैं बेनीवाल

इस मौके पर किसान मजदूर संवर्धन संघर्ष समिति के संयोजक विजय सिंह चौधरी का कहना है कि संगठन प्रदेश भर में जिला और ब्लॉक स्तर पर किसानों से चर्चा कर इन कानूनों की खामियां बताकर किसानों को जागरूक कर रहा है. आगे यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच भी करेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details