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अच्छी खबर : सरकार के अलग-अलग विभाग लेंगे प्रतिभावान खिलाड़ियों को गोद, CSR गतिविधियों में खेल और खिलाड़ियों को देंगे बढ़ावा

राजस्थान में खिलाडियों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभाग प्रतिभावान खिलाड़ियों को गोद लेंगे. इसके साथ ही सीएसआर गतिविधियों में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की पहल करेगी. मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि किसी भी खेल का चुनाव कर उसमें प्रतिभावान खिलाड़ियों को अच्छे से अच्छा प्रशिक्षण और अन्य आवश्यक संसाधन दिये जाएं, ताकि प्रदेश के खिलाड़ी ओलंपिक जैसी विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में जीत कर देश का नाम रोशन करें.

cm ashok gehlot
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

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Published : Aug 12, 2021, 9:36 PM IST

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने गुरुवार को राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 413वीं बैठक ली. इस दौरान सीएस ने कंपनी की सीएसआर (Corporate Social Responsibility) पॉलिसी में महिला एवं बाल विकास, पर्यावरण, वन तथा खेल आदि क्षेत्रों में निश्चित फंड दिए जाने का प्रावधान करने के लिए भी कहा.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कंपनी को किसी भी एक खेल को अडॉप्ट करना चाहिए और उसे आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए. इसके तहत किसी खेल के प्रतिभावान खिलाड़ी को भी अडॉप्ट कर उसके विशेष प्रशिक्षण तथा अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा सकती है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल क्षेत्र में ऐसी प्रतिभाओं को चुनकर पोषित किया जाए, जो देश के लिए पदक जीत कर ला सकें.

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मुख्य सचिव आर्य ने आगे कहा कि खेल परिषद के सहयोग से प्रतिभाओं का चयन किया जा सकता है. मुख्य सचिव ने कंपनी को वर्ष 2019-20 में कम राजस्व के कारणों की समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि वित्तीय लाभ बढ़ाने के लिए कंपनी को शॉर्ट टर्म के साथ-साथ लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट भी करने चाहिए. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक तय समय में नियमित रूप से करने के निर्देश भी दिए.

खिलाडियों के लिए अच्छी खबर है...

राजस्थान में नहीं आया कोई मेडल...

दरअसल, पिछले दिनों टोकियों में हुए ओलंपिक गेम में राजस्थान के किसी खिलाड़ी को मेडल नहीं मिला. हालांकि चार खिलाड़ी राजस्थान के भी थे, जिन्होंने भारत की ओर से प्रतिनिधित्व किया. राजस्थान में खिलाडियों को सुविधा और माहौल उपलब्ध कराने को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. कहा जाता है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में खिलाडियों के लिए ज्यादा स्कोप है. यहां की सरकार खेल पर ध्यान नहीं देती. हालांकि, गहलोत सरकार ने खेल निति में बदलाव कर आउट ऑफ टर्न का फार्मूला जरूर सेट किया है, जिसका लाभ बड़ी संख्या में खिलाडियों को मिला है.

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