जयपुर. शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा के अवसर पर बहुत ही विधि विधान से माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा उपासना की जाती हैं. ऐसे में नवरात्र के तीसरे दिन आज मां दुर्गा की तीसरी शक्ति देवी चंद्रघंटा की आराधना का महत्व है. इनकी पूजा करने से दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कहीं तरह की ध्वनियां सुनाई देने लगती हैं. देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है.
ज्योतिष पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि शेर पर सवार देवी चंद्रघंटा की मुद्रा युद्ध के लिए उद्धत रहने की है. इनके घंटे सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य और राक्षस कांपते रहते हैं. इसीलिए नवरात्रि के तीसरे दिन इन देवी की पूजा का विशेष महत्व है. देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं. इसलिए कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना करनी चाहिए. उनका ध्यान हमारे इंद्रलोक और परलोक दोनों के लिए कल्याणकारी और सद्गति देने वाला कहा गया है.