जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने एक मामले में कहा है कि राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को पदस्थापन में प्राथमिकता देनी चाहिए. वहीं, अधिकरण ने प्रार्थी प्रिंसीपल के 29 सितंबर 2019 के आदेश से किए ट्रांसफर को निरस्त करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक को कहा है कि वे प्रार्थी से खाली पदों के तीन विकल्प लेकर उनके पदस्थापन के संबंध में नया आदेश जारी करें. अधिकरण ने यह आदेश विजय कृष्ण वैष्णव की अपील पर दिया.
मामले के अनुसार, प्रार्थी राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल पनाशी छोटी बांसवाड़ा में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत था. लेकिन 29 सितंबर के आदेश से उनका ट्रांसफर डूंगरपुर में कर दिया. इसे अधिकरण में अपील के जरिए चुनौती देते हुए कहा कि प्रार्थी को 2017 में राज्य सरकार ने सम्मानित किया है और 2019 में राज्य सरकार ने शिक्षक सम्मान समारोह में प्रशस्तिपत्र भी दिया है.
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राज्य सरकार के परिपत्र के अनुसार राज्य स्तर पर सम्मानित शिक्षकों को पदस्थापन में प्राथमिकता देनी चाहिए. लेकिन शिक्षा विभाग ने अपने परिपत्र के विपरीत जाकर प्रार्थी का ट्रांसफर दूरस्थ जगह पर किया है. ऐसे में उसके दिए गए तीन विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए था. इसलिए उसके ट्रांसफर आदेश को रद्द किया जाए.
हाईकोर्ट ने दिए नोशनल परिलाभों सहित याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने के आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2018 में चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं देने को गलत मानते हुए सभी नोशनल परिलाभों सहित याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश संतोष चौधरी की याचिका पर दिए.