जयपुर.देश में 55 सीटों पर 26 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव को देश के निर्वाचन आयोग ने स्थगित कर दिया है. हालांकि इनमें से 37 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है. ऐसे में 18 सीटों पर ही चुनाव होना था, जिन्हें स्थगित कर दिया है. लेकिन चुनाव आयोग का यह निर्णय राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रास नहीं आया और उन्होंने चुनाव आयोग के इस निर्णय को लोकतंत्र के लिए बुरा दिन तक कह दिया है.
वहीं, उनके ही मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के मुखिया सचिन पायलट ने चुनाव आयोग के इस निर्णय को सही बताया है. ऐसे में साफ है कि गहलोत पायलट के बीच मुद्दों को लेकर चल रही खींचतान अभी जारी है.
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26 मार्च को होना था मतदान
दरअसल, राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को मतदान होना था. जिसे कोरोना वायरस के चलते भारत निर्वाचन आयोग ने स्थगित कर दिया है. चुनाव आयोग के इस निर्णय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव के महज 1 दिन पहले लिया गया निर्णय शक के दायरे में आ गया है, क्योंकि भाजपा गुजरात और राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त में अब तक कामयाब नहीं हुई थी. ऐसे में इस निर्णय से भाजपा को और समय मिल गया है. ऐसे में इसे लोकतंत्र के लिए बुरा दिन माना जाएगा.
गहलोत ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि बिना राजनीतिक पार्टियों को विश्वास में लिए चुनाव आयोग का यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. जब इतनी ही चिंता थी, तो फिर लोकसभा का सत्र कल जो तक जारी रहा और और मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री को कल शपथ दिलवाई गई, उसे भी टाला जा सकता था.
पायलट ने कर दी सराहना
मुख्यमंत्री का एक ओर यह ट्वीट आया, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने चुनाव आयोग के इस निर्णय की सराहना कर दी. पायलट ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव को आज स्थगित किया गया है, जो एक अच्छा कदम है. क्योंकि विधानसभा में जो विधायक आते और देश और प्रदेश में जब हमने कहा है कि 5 या 5 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते. ऐसे में चुनाव आयोग ने जो चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया है वह अच्छा निर्णय है. इससे एक मैसेज जाएगा कि राजनेता और सरकार की भी पहली प्राथमिकता जन सुरक्षा की है.
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जब पायलट से पूछा गया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस पर आपत्ति जताई है, तो उन्होंने कहा कि देशभर में इस इलेक्शन को स्थगित किया गया है. निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है वह एक संवैधानिक संस्था है. लोकसभा को भी स्थगित किया गया है. निर्वाचन आयोग ने जो निर्णय लिया है, वह बिल्कुल ठीक है. राजनीतिक दलों या ऐसी संवैधानिक संस्थाओं को हमेशा पॉलिटिसाइज करना ठीक नहीं है. पहले ही काफी विधायक इस बात की आशंका व्यक्त कर चुके थे कि वह चुनाव में वोट डालने नहीं आएंगे. ऐसे में विभिन्न राज्यों से बातचीत करने के बाद ही निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है जो बिल्कुल ठीक है.