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Published : Sep 28, 2020, 4:59 PM IST

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कृषि बिल के विरोध में CM गहलोत ने राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

क्रेंद सरकार की ओर से पारित किए गए कृषि विधेयक का लगातार विरोध किया जा रहा है. सोमवार को सीएम गहलोत ओर गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को राष्ट्रपति के नाम इन बिलों को वापस लेने या संशोधित करने के लिए ज्ञापन सौंपा.

राजस्थान में कृषि बिल का विरोध
राजस्थान में कृषि बिल का विरोध

जयपुर. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ 24 सितंबर से कांग्रेस का विरोध पखवाड़ा शुरू हो चुका है. जिसके तहत सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को राष्ट्रपति के नाम इन बिलों को वापस लेने या संशोधित करने के लिए ज्ञापन सौंपा.

धारा 144 के चलते पैदल मार्च हुआ रद्द...

हालांकि, राजधानी जयपुर में लगी धारा 144 के चलते राजस्थान कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस मुख्यालय से राजभवन तक प्रस्तावित पैदल मार्च स्थगित कर दिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ही जाकर राज्यपाल को यह ज्ञापन सौंप आए.

ज्ञापन में कही गई ये बात...

ज्ञापन में ये बताया गया है कि एपीएमसी व्यवस्था को समाप्त करने से कृषि उपज खरीद प्रणाली पूरी तरीके से नष्ट हो जाएगी. पूरे देश में कृषि उपज विपणन प्रणाली को खत्म कर दिया जाता है, तो इससे किसान खेतिहर मजदूर का सबसे बड़ा नुकसान होगा और मुट्ठी भर पूंजीपति भारी मुनाफा कमाएंगे.

कीमतों के लिए सौदेबाजी कैसे मिलेगी?

न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने से बाजार में बेचा जाने वाला अनाज पूंजीपतियों द्वारा अपने कृषि क्षेत्र में ही खरीदा जाता है. इस स्थिति में किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण की शक्ति और कीमतों के लिए सौदेबाजी कैसे मिलेगी?

किसानों के लिए जानलेवा झटका...

2015-16 की जनगणना के हिसाब से 86 फीसदी किसानों के पास 5 एकड़ से कम जमीन है और औसत भूमि जोत 2 अकड़ या उससे कम है. ऐसी स्थिति में 86 फीसदी किसान अपने कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह परिवहन नहीं कर पाएगा और मंडी व्यवस्था समाप्त होने की स्थिति में वह सीधे किसानों के लिए जानलेवा झटका होगा.

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