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हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना का सभी निभाएं दायित्व, चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए : CM गहलोत - Corona infection review

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है. जरा सी लापरवाही खुद के साथ ही दूसरों के लिए भी जानलेवा हो सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जनहित में कड़े फैसले लिए हैं. आमजन, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों को समझना होगा कि प्रदेश वासियों की जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना के संबंध में राज्य सरकार द्वारा लिए गए इन निर्णयों की पालना हम सभी के हित में है.

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'हेल्थ प्रोटोकाॅल की हो पालना, समाज के सभी वर्ग निभाएं दायित्व'

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Published : Nov 24, 2020, 3:35 AM IST

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को वीसी के माध्यम से कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के आठ जिला मुख्यालयों पर नगरीय क्षेत्र में नाइट कर्फ्यू तथा शाम 7 बजे बाद बाजार बंद कराने, विवाह समारोह में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने तथा मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाने जैसे फैसले जीवन की रक्षा के लिए जरूरी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को इस बात का एहसास है कि प्रदेश में संक्रमण के बढ़ने के पीछे त्योहारी सीजन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, बढ़ती सर्दी, वैवाहिक कार्यक्रमों में अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति के साथ-साथ नगरीय-निकाय तथा पंचायत चुनावों के प्रचार में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होना भी है. उन्होंने कहा कि न्यायिक बाध्यता तथा संवैधानिक प्रावधानों के कारण सरकार ने निकाय एवं पंचायत चुनाव कराए. राज्य सरकार तथा राज्य निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत के बावजूद प्रचार के दौरान मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकाॅल की उचित पालना नहीं हो पाई. उन्होंने वर्तमान में चल रहे पंचायतीराज चुनाव के प्रत्याशियों तथा सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना अनिवार्य रूप से करें, ताकि आमजन के समक्ष आदर्श प्रस्तुत हो सके.

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CM सहित अन्य लोगों ने और क्या कहा...

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कोरोना मरीजों को संक्रमण की गंभीरता को ध्यान में रखकर समान रूप से इलाज मिले, यह सुनिश्चित किया जाए. अस्पताल प्रशासन और ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों एवं अन्य हेल्थ वर्कर्स की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे सभी भर्ती, डे-केयर और ओपीडी मरीजों से एक समान व्यवहार करते हुए बीमारी की गंभीरता के अनुरूप उनका इलाज करें.
  • वीसी के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना वैक्सीन के लिए अभी से पूरी तैयारियां रखने के निर्देश दिए. उन्होंने वैक्सीन के लिए स्टोरेज, कोल्ड चैन, आवश्यकता, वितरण की व्यवस्था तथा प्राथमिकता क्रम आदि बिंदुओं की अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चूंकि चिकित्साकर्मी सबसे अग्रिम पंक्ति के वाॅरियर होते हैं, अतः उन्हें वैक्सीन प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए.
  • शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि आठ जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर और एसपी ने बाजारों में जाकर नाइट कर्फ्यू और शाम सात बजे के बाद बाजार बंद करने की पालना सुनिश्चित कराई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना में व्यापारियों और आमजन का अपेक्षित सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वैवाहिक आयोजनों में 100 जनों तक ही अनुमत रहने की भी कड़ाई से पालना की जा रही है. मैरिज गार्डन संचालकों से भी उनके यहां हो रहे आयोजनों में हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करने में जिम्मेदार भूमिका निभाने की अपेक्षा की गई है. हेल्थ प्रोटोकाॅल और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराना उनका भी दायित्व है.
  • महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद दो दिन में ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 40 निजी चिकित्सालयों मे कोविड रोगियों के उपचार के लिए 1,850 अतिरिक्त बेड बढ़ाने का कमिटमेंट किया है. प्रदेश में अभी तक 41 लाख 79 हजार कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. सभी 33 जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है. किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.
  • एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि कोरोना मरीजों से भर्ती रहने के दौरान ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रोफार्मा भरवाने की व्यवस्था की गई है. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि डाॅक्टर प्रत्येक कोरोना मरीज को अटेंड करें. उन्होंने बताया कि यह देखा गया है कि लक्षणों वाले रोगियों में से 80 प्रतिशत रोगी अस्पताल पहुंचने में 7 से 12 दिन की देरी कर देते हैं. इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरा बढ़ जाता है और इलाज में भी लंबा समय लगता है. कभी-कभी जान को भी खतरा हो जाता है. ऐसे में अस्पताल पहुंचने में देरी न करें.
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा भी वीसी से जुड़े. गहलोत ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव गृह एनएल मीणा, सूचना जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी और स्वायत्त शासन निदेषक दीपक नंदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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