जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष (congress President Election) का चुनाव लड़ेंगे ये तय हो चुका है. गहलोत खुद साफ कर चुके हैं कि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे तो राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे. ऐसे में राजस्थान ही नहीं देश की जनता के जेहन में यह सवाल दौड़ रहे हैं, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पद नामांकन भरने के साथ ही छोड़ेंगे या फिर 19 अक्टूबर को रिजल्ट आने के बाद. इससे भी बड़ा यक्ष प्रश्न ये है कि गहलोत की कुर्सी का उत्तराधिकारी कौन होगा? वो गांधी परिवार की पहली पसंद सचिन पायलट होंगे, सीपी जोशी होंगे, गोविंद डोटासरा या कोई और!
पायलट पर सस्पेंस:सचिन पायलट जिन्हें लेकर कहा जा रहा है कि वह गांधी परिवार की पहली पसंद है लेकिन अब भी राजस्थान में विधायक गांधी परिवार के क्लियर इंडिकेशन के इंतजार में वेट एंड वॉच की स्थिति में आ गए हैं (Gehlot Vs Pilot). यही कारण है कि गहलोत कैंप में शामिल रहे विधायक सचिन पायलट को सामने देख साथ खड़े तो हो जाते हैं लेकिन आगे चलकर पायलट तक नहीं पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को विधानसभा में भी यही देखा गया.
सक्रिय पायलट की दिक्कत:पायलट विधानसभा पहुंचे तो उन्हें रिसीव करने वाले उनके कैंप के माने जाने वाले विधायकों के साथ ही गहलोत कैम्प में रहे G-6 के विधायक थे. हालांकि जब पायलट विधानसभा पहुंचे तो उनके सामने आने वाले सभी विधायक न केवल उनसे खुलकर मिलते दिखाई दिए बल्कि स्पीकर सीपी जोशी के कक्ष में भी विधायक सचिन पायलट से सामान्य बातचीत करते दिखाई दिए.
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गहलोत खेमा इंतजार में:राजस्थान कांग्रेस के विधायकों को कांग्रेस आलाकमान से सीधे और साफ निर्देश का इंतजार है. यही कारण है कि विधायक सचिन पायलट के साथ बातचीत तो कर रहे हैं लेकिन आगे बढ़कर उनके पास नहीं जा रहे. डर है कि कहीं ऐसा न हो कि कयास धरे के धरे रह जाएं, कुछ खेल हो जाए और कोई तीसरा नाम सामने आ जाए. ऐसे में अब G-6 में शामिल चार बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली और दो कांग्रेस विधायकों को छोड़ कोई और विधायक खुलकर पायलट के सामने नहीं जा रहा.