जयपुर. ईटीवी भारत से खास बातचीत में राष्ट्रीय शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा ने गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गांधी वादी कहलाने से नहीं, गांधी के विचारों पर काम कर सरकार प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करे. ऐसा नहीं करने पर आनेवाले दिनों में आंदोलन का सामना करने के लिए कांग्रेस सरकार तैयार रहे.
पूजा छाबड़ा ने कहा कि मुझे भी आपके चैनल (ETV Bharat) के माध्यम से ही पता लगा है कि मदन दिलावर जो कि बीजेपी के विधायक हैं, उन्होंने विधानसभा में इस बात को लेकर सवाल उठाया था कि क्या राजस्थान में कांग्रेस की सरकार संपूर्ण शराबबंदी पर कोई विचार रखती है. उसके जवाब में यह कहा गया कि राजस्थान में सरकार संपूर्ण शराबबंदी नहीं कर सकती. शराबबंदी की जाती है तो राजस्थान सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा.
जवाब में यह भी कहा गया कि सरकार (Gehlot Government) अच्छी गुणवत्ता के साथ लोगों को शराब उपलब्ध हो, इसको लेकर सरकार काम कर रही है. इस तरह का जवाब संपूर्ण शराबबंदी को लेकर आंदोलन करने वाले लोगों को निराश करने वाला है. सरकार जो अपने आपको गांधी वादी विचारों वाली बताती है, वह गांधी के विचारों के विपरीत जाकर काम कर रही है. शराबबंदी के खिलाफ हो रही है. जबकि पूर्व में गुरुशरण छाबड़ा जिन्होंने शराबबंदी को लेकर आंदोलन करते हुए अपनी शहादत दे दी, आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वस्त किया था कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनती है तो वह पूर्ण शराबबंदी पर काम करेगी.
लेकिन जिस तरह से आज जो बातें सामने आ रही हैं या सरकार की तरफ से लिखित में जो बात कही गई है, उसने संपूर्ण शराबबंदी को लेकर आंदोलन करने वाले लोगों को एक बड़ा झटका दिया है. हमें एक उम्मीद थी, आशा की किरण दिखाई देती थी कि राजस्थान में गांधी वादी विचारों की सोच और अपने आपको राजस्थान का गांधी बताने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शराबबंदी का समर्थन करते रहे, उन्होंने अलग-अलग मंच पर इस बात का समर्थन किया है कि शराबबंदी के हम समर्थन में हैं. हम भी चाहते हैं कि शराब बंद हो और शराबबंदी आंदोलन को लेकर उन्हें शुभकामनाएं दी थी. लेकिन आज इस तरीके से जो जवाब आया है वह कहीं न कहीं सवाल खड़ा करता है कि जहां गांधी जी की सरकार है, गांधीवादी विचारों के मुख्यमंत्री हैं, वहां पर शराब को बढ़ावा देना कहां तक उचित है.