जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील रही है. कोरोना महामारी के संकट के समय वित्तीय वर्ष 2020-21 में जहां पूरी अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई, तब कृषि क्षेत्र ने विपरीत परिस्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था को संबल दिया है. इस दौर में देश के किसानों ने अपनी मेहनत से सकल घरेलू उत्पाद की दर को सहारा प्रदान किया है. ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकारों का दायित्व है कि कृषि क्षेत्र के लिए राहत के उपाय करें.
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के शुभारंभ और विद्युत भवन एनेक्सी सहित अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना ही है. इस योजना पर सालाना 1450 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय होगा. इसमें कृषि उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर प्रति माह 1 हजार रुपए या अधिकतम 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा. इस योजना के शुरू होने पर प्रदेश में लघु और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निःशुल्क हो जाएगी.
सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कृषि विद्युत की दर 5 रुपए 55 पैसे प्रति यूनिट होने के बावजूद किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है. शेष 4 रुपए 65 पैसे प्रति यूनिट का अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है. कृषि विद्युत दरों पर अनुदान के कारण राज्य सरकार पर 16 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का आर्थिक भार आ रहा है. अब किसानों के कल्याण के लिए 1450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार भी वहन किया जाएगा.
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वहीं, ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में 132 केवी और 33 केवी के ग्रिड सब-स्टेशन बनाकर विद्युत तंत्र को मजबूत किया जा रहा है. आज कुल 74 करोड़ रुपए की लागत से बाड़मेर, जालोर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर और बारां जिले में 132 केवी के ग्रिड सब-स्टेशनों का लोकार्पण और 45 करोड़ रुपए की लागत के बीकानेर और जालोर में 132 केवी जीएसएस का शिलान्यास हुआ है. इन स्टेशनों के निर्माण से विद्युत वितरण तंत्र में मजबूती आएगी. उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग की समस्या से निजात मिलेगी और बिजली छीजत में भी कमी आएगी.