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जेलों में कैदियों की मौत पर मुआवजा राशि में गहलोत सरकार लाएगी एकरूपता, जल्द बनेगी नई नीति - policy for prisoners

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सुप्रीम कोर्ट के सवालों के बाद अब प्रदेश की गहलोत सरकार जेलों में कैदियों की मौत पर अलग-अलग क्षतिपूर्ति राशि में एकरूपता लाने की तैयारी कर रही है. गृह विभाग ने प्रदेश की जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मौत के बाद उनके परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर नई नीति पर काम शुरू कर दिया है. अब जल्द ही इस नई नीति पर आये सुझाव के बाद अमल में लाया जाएगा.

government will bring uniformity
सरकार लाएगी एकरूपता

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Published : Sep 8, 2021, 2:21 PM IST

जयपुर. हरियाणा सरकार के बाद अब प्रदेश की गहलोत सरकार भी जेलों में कैदियों की मौत पर मुआवजा राशि में एकरूपता लाने जा रही है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिव से इस पूरे मामले पर जवाब भी मांगा था. इसके बाद प्रदेश की गहलोत सरकार या यूं कहें कि गृह विभाग नई यूनिफॉर्म पॉलिसी लाने की तैयारियों में जुट गया है.

मंगलवार को गृह विभाग ने पॉलिसी बनाने को लेकर पहली बैठक की. बैठक में जेल में बंद कैदियों की अप्राकृतिक मौत पर यूनिफॉर्म पॉलिसी बनाने किया गया. सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग की और से मिले निर्देशों पर चर्चा हुई. इसके साथ नई पॉलिसी के ड्राफ्ट को लेकर मिनिट्स तैयार करने के निर्देश दिए गए. अब माना यह जा रहा है कि अगली बैठक में मिनिट्स पर चर्चा होगी उसके बाद पॉलिसी लागू करने के लिए फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जाएगी.

एक ही मौत पर अलग-अलग क्षतिपूर्ति राशि क्यों ?

जेल में कैदी की एक ही मौत पर अलग-अलग क्षतिपूर्ति राशि क्यों ? इसको लेकर सवाल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उठाए थे. दरअसल, सरकार जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मौत होने पर परिजनों को मुआवजा दी जाती है. कैदियों के बीच लड़ाई या जेल स्टाफ की प्रताड़ना से अगर कैदी की मौत होती है तो उसके लिए अलग और आत्महत्या के मामले में अलग सहायता राशि सरकार परिजनों को दी जाती है.

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यह होगा प्रावधान...

मुआवजा के लिए संबंधित जेल के अधीक्षक को कैदी की मौत की विस्तृत रिपोर्ट, न्यायिक जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मौत के कारणों की अंतिम रिपोर्ट, जेल में प्रवेश के समय की मेडिकल हिस्ट्री और चिकित्सा उपचार का विवरण सहित सभी आवश्यक दस्तावेज के साथ जेल विभाग के महानिदेशक को भेजना होगा. वह इसकी सत्यता जानने के बाद सरकार को केस भेजेंगे. सरकार ने गृह विभाग के सचिव, विशेष सचिव को नीति के तहत मुआवजा राशि स्वीकृत करने के लिए अधिकृत किया है.

कैसे होती है कैदी की मौत...

जेल में कैदियों के बीच लड़ाई, जेल स्टाफ की प्रताड़ना, जेल स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण कैदी की मौत हो जाती है. अब तक जेलों में कैदियों के बीच लड़ाई या जेल स्टाफ की प्रताड़ना, जेल में आत्महत्या करने पर परिजन को अलग मुआवजा मिलता है, जिसमें एक लाख, 2 लाख और पांच लाख तक प्रावधान है.

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