जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक लगातार जारी है. विपक्ष के हमलों के बीच 10 दिन के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार के मंत्री बाड़ेबंदी से बाहर निकल कर कामकाज निपटा रहे हैं. गहलोत सरकार के 5 मंत्रियों ने सचिवालय में आकर अपना कामकाज संभाला और ट्रेनिंग फाइलों का निस्तारण किया. मंत्रियों को कहना था कि कामकाज निपटाने के लिए सचिवालय है. उनका कहना था कि जनता के किसी तरह के कामकाज प्रभावित नहीं हो और प्रदेश को गुड गवर्नेंस मिले इसलिए सभी कामों को पूरा किया जा रहा है.
गहलोत सरकार के मंत्री 10 दिन बाद बाड़ेबंदी से निकले बता दें कि राजस्थान की गहलोत सरकार पिछले 10 दिनों से दिल्ली रोड स्थित एक होटल में है. प्रदेश की चल रही सियासत उठापटक के बीच सीएम गहलोत अपने समर्थित विधायकों की बाड़ेबंदी किए हुए हैं. लेकिन इस बीच प्रदेश में प्रभावित हो रहे कामों को लेकर विपक्ष में बैठी बीजेपी लगातार निशाना साध रही है.
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बीजेपी के बढ़ते हमलों के बीच बुधवार को 10 दिन बाद गहलोत सरकार के 5 मंत्री सचिवालय पहुंचे और अधूरा कामकाज निपटाया. मंत्री का कहना था कि कामकाज की पेंडेंसी नहीं रहे और आम जनता को किसी तरीके से परेशान नहीं होना पड़े, इसलिए वह अपने पेंडिंग पड़े कामकाज को निपटाने के लिए आए हैं.
जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राज्य में बिजली पानी की आपूर्ति नियंत्रण में है. वहीं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सालेह मोहम्मद, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा और उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने भी अपने पेंडिंग कामकाज को सचिवालय में बैठ कर निपटाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट बैठक में निर्देश दिए थे कि बजट घोषणाओं की क्रियांवित में तेजी लाने के लिए सभी मंत्री जिम्मेदारी से अपने कामकाज को निपटा रहे हैं.
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कल्ला ने कहा कि इसी कारण वे अपने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि रोजाना बजट घोषणाओं की मीटिंग की जाएगी और जल्द ही कामकाज की प्रगति सुनिश्चित की जाएगी. उनका कहना है कि होटल में फाइल मंगवा कर निर्णय हो सकता है, लेकिन सारे विभागीय अफसरों के साथ बैठक नहीं हो सकती. इसलिए वह सचिवालय में संबंधित अधिकारियों के साथ में बैठक कर कामकाज को निपटा रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश की गहलोत सरकार पिछले 10 दिन से दिल्ली रोड स्थित एक निजी होटल में अपने विधायकों की बाड़ेबंदी की हुई है. मंत्री अपने कामकाज को होटल से ही कर रहे थे, ऐसे में बीजेपी लगातार इस बात को लेकर आरोप लगा रही थी कि प्रदेश की जनता से जो वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई वह भूल गई है और अपनी कुर्सी बचाने के लिए होटलों में बंद है.