जयपुर.प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए दीवाली से पहले राहत का बड़ा पिटारा खोल दिया है. केन्द्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध के बीच में सूबे की गहलोत सरकार की ओर हुई किसानों को राहत देने वाली चार बड़ी घोषणाओं के जरिए प्रदेश कांग्रेस ने सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
डोटासरा ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार किसान विरोधी बिल लाकर किसानों के ईमान को गिरवी रखना चाहती है. दूसरी तरफ किसानों की हितेषी कांग्रेस सरकार ने एक साथ चार बड़े फैसले लेकर केन्द्र सरकार को आइना दिखाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है वह निश्चित समय में करके भी दिखाती है. कांग्रेस सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी मांग वीसीआर के मामले में 70 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में प्रकरण दर्ज होने की अनिवार्यता को हटा दिया है. अब प्रदेश के किसान महज 20 फीसदी राशि जमा कराकर अपने बिजली चोरी के मामले को समझौता समिति में ले जा सकेंगे. इसके अलावा कृषि कनेक्शन, स्वैच्छिक भार वृद्धि और कोरोनाकाल में विलंब शुल्क की छूट सहित अन्य फैसले लिए हैं. डोटासरा ने बताया कि सभी फैसले प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में लागू होंगे.
गहलोत सरकार ने कौनसे बड़े फैसले लिए?
वीसीआर मामले में अब नहीं जमा करानी होगी 70 फीसदी राशि
प्रदेश के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या वीसीआर के मामलों को समझौता समिति में लेकर जाने की आ रही थी. बिजली कंपनियों ने समझौता समिति में मामले को लेकर जाने पर वीसीआर की कुल राशि का 70 फीसदी जमा कराना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन अब सरकार ने महज 20 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में ही मामला दर्ज कर लिया जाएगा. यह राशि भी किसान सहायक अभियंता कार्यालय में जमा करा सकता है. बिजली कंपनियों को सरकार ने दस दिन में बिजली चोरी के प्रकरणों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा किसान यदि 50 फीसदी राशि एकमुश्त जमा कराता है तो वीसीआर के मामले का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा.