जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने विभिन्न भर्तियों में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियों को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है. ये नई गाइडलाइन जिला आवंटन में मिल रही गड़बड़ियों की शिकायतों को देखते हुए सरकारी भर्तियों में चयनितों को काउंसलिंग और मेरिट के आधार पर नियुक्ति देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए थे.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने चयनितों की नियुक्ति के लिए लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. प्रशासनिक सुधार विभाग ने जारी निर्देश में राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग, कर्मचारी चयन बोर्ड और अन्य भर्ती एजेंसियों को कहा है कि जिला आवंटन में दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी और पति-पत्नी के प्रकरणों का ध्यान रखा जाए. साथ ही विभाग ने निर्देश दिए हैं कि इन्हें वरीयता से पोस्टिंग दी जाए.
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प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी किए निर्देश के मुताबिक नियुक्ति अधिकारी काउंसलिंग की कार्यवाही में आवंटित अभ्यर्थियों में से सबसे पहले प्राथमिकता से दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी और पति-पत्नि प्रकरण के अभ्यर्थियों को वरीयताक्रम से उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर काउंसलिंग में बुलाएंगे. जबकि बाकी चयनितों को वरियता क्रम से काउंसलिंग में बुलाकर रिक्ति के आधार पर प्रथम नियुक्ति का जिला या जिले में स्थान जैसी भी स्थिति हो का निर्धारण करेंगे.
साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि आवंटित किए गए चयनित अभ्यर्थियों में से यदि कोई पति-पत्नी हो तो रिक्त पद होने की स्थिति में उनको एक ही जिला या जिले में स्थान जैसी भी स्थिति हो उसमें पदस्थापन दिया जाए. इसी प्रकार पति-पत्नी में से कोई एक पूर्व से ही राज्य सेवा में जिस जिला या जिले में स्थान में पदस्थापित हो, उन्हें रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर उसी जिला या जिले में स्थान में पदस्थापन के लिए आवंटित किया जाएगा.
नियुक्ति के लिए कुछ और निर्देश
- यदि कोई अभ्यर्थी शहीद परिवार का आश्रित हो, अभ्यर्थी के माता-पिता अथवा पति-पत्नी असाध्य रोग से ग्रस्त हो या अन्य किसी अपरिहार्य मानवीय परिस्थितिवश अभ्यर्थी को किसी जिला या जिले में स्थान में रहना अनिवार्य हो तो रिक्त पद उपलब्ध होने पर नियुक्ति अधिकारी ऐसे अभ्यर्थियों को तथ्यों की पुष्टि कर जिला या जिले में स्थान जैसी भी स्थिति हो आवंटन करने में प्राथमिकता दे सकेंगे.
- रिक्तियों का काउंसलिंग से पूर्व अभ्यर्थियों की जानकारी हेतु नियुक्ति अधिकारी की ओर से पर्याप्त प्रचार -प्रसार किया जाएगा.
- नियुक्ति अधिकारी की ओर से काउंसलिंग के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि समस्त वर्ग के अभ्यर्थियों को उचित प्रतिनिधित्व प्रथम नियुक्ति के समय जिला या जिले में स्थान में मिले, अर्थात किसी वर्ग विशेष के अभ्यर्थी किसी एक जिला या जिले में स्थान में असंगत रूप से आवंटित नहीं हो.
- नियुक्ति अधिकारी की ओर से अपने स्तर पर विभागीय विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर काउंसलिंग के लिए उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य शर्तें भी नियत की जा सकेंगी. लेकिन उपरोक्त शर्तों में परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा.
- जिला आवंटन से व्यथित अभ्यर्थियों की परिवेदनाओं, न्यायिक प्रकरणों का निस्तारण और क्षेत्ररक्षण संबंधित समस्त कार्रवाई नियुक्ति अधिकारी अपने स्तर पर ही करेंगे.
- नियुक्ति अधिकारी का यह दायित्व होगा कि काउंसलिंग से संबंधित समस्त दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाए. साथ ही अभ्यर्थियों को जिला या जिले में स्थान का निर्धारण होने पर उनसे सहमति-पत्र प्राप्त किया जाए.