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राजस्थान के 8 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को लग सकता है झटका, वेतन कटौती की तैयारी में सरकार

राजस्थान के 8 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को एक बार फिर झटका लग सकता है. कोरोना की दूसरी लहर में गहलोत सरकार एक बार फिर से कर्मचारियों के वेतन कटौती की तैयारी में है.

Salary reduction of employees in Rajasthan,  Government of Rajasthan
सीएम अशोक गहलोत

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Published : May 26, 2021, 10:56 PM IST

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर से बिगड़े आर्थिक हालात को सुधारने के लिए गहलोत सरकार एक बार फिर से 8 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन कटौती की तैयारी में है. कर्मचारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री और विधायकों के वेतन को भी कटौती के दायरे में रखा जा सकता है. सूत्रों की मानें तो वित्त विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. जिसमें सहायक कर्मचारियों का 1 दिन, मंत्रालयिक कर्मचारियों के 2 दिन, अधीनस्थ सेवा कर्मचारियों के 3 दिन और राजपत्रित अधिकारियों की 5 दिन की वेतन कटौती की संभावना है.

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यह माना जा रहा है कि वेतन कटौती बिना पे मैनेजर पर बिल नहीं बनेगा और ऐसे में वेतन कटौती तय मानी जा रही है. वहीं, वित्त विभाग के सूत्रों ने अभी वेतन कटौती के बारे में कोई भी आदेश आने से इनकार किया है.

केंद्र सरकार ने राज्यों की बढ़ाई मुश्किलें

केंद्र सरकार ने 18 से 45 वर्ष के युवाओं को वैक्सीन खरीदने का अधिकार राज्य सरकारों को देकर गहलोत सरकार का सिरदर्द बढ़ा दिया था. केंद्र सरकार के मना करने के बाद गहलोत सरकार ने अपने स्तर पर 18 से 45 वर्ष के युवाओं को फ्री वैक्सीन देने के निर्णय किया है. मौजूदा समय में प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और राजस्थान में टैक्स कलेक्शन भी कम हुआ है. ऐसे में राजस्थान सरकार को कर्मचारियों के वेतन डेफर करने पर ही करीब 1600 करोड़ रुपए मिल सकते हैं.

गत वर्ष 75 फीसदी तक डेफर किया गया था वेतन

गहलोत सरकार ने पिछले साल मार्च में करीब 6 लाख सरकारी कर्मचारियों का 75 फीसदी वेतन स्थगित कर दिया था. बाद में मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में इसे दोबारा लौटाने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि मेडिकल स्टाफ, पुलिस, संविदाककर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का वेतन इस बार भी डेफर नहीं किया जाएगा.

इसलिए हो सकती है वेतन कटौती...

  • प्रदेश में 8 जून तक सख्त लॉकडाउन है. यह आगे भी बढ़ सकता है.
  • कई औद्योगिक इकाइयों में आंशिक उत्पादन हो रहा है. श्रमिक वर्ग भयभीत है. काम पर नहीं आ रहे हैं.
  • व्यावसायिक गतिविधियां ठप है. इससे मार्च में अनुमानित 10 हजार करोड़ रुपए के राजस्व अर्जन में बड़ी कमी आई है.
  • जन अनुशासन पखवाड़ा, फिर रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा और उसके बाद 10 मई से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन और फिर 24 मई से 8 जून तक लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की वजह से राजस्व आय से संबंधित कई विभागों में भी कामकाज प्रभावित हुआ है.
  • राजस्थान सरकार को केन्द्र से जीएसटी की बकाया राशि नहीं मिली है.
  • नकारात्मक प्रभाव से विकास की कमजोर गति के चलते सकल राज्य घरेलू उत्पाद के लक्ष्यों की प्राप्त नहीं हो रही है.
  • राजस्थान में राजस्व संकलन का प्रवाह भी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है.

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