जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने बड़ा नीतिगत निर्णय लेते राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को शक्तियां प्रदान कर दी है. उपखंड अधिकारी अब उपखंड में कार्यरत अधीनस्थ सेवाओं और मंत्रालयिक सेवा के कार्मिकों को 17 सीसीए के तहत चार्जशीट देकर दो वार्षिक इंक्रीमेंट रोक सकता है. वहीं पहले की व्यवस्था के तहत उपखंड अधिकारी कारण बताओ नोटिस देकर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर को अनुशंसा करता था.
राज्य के कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार उपखंड अधिकारी आबकारी इंस्पेक्टर, रसद इंस्पेक्टर, ट्रांसपोर्ट, लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर 17 सीसीए के तहत नोटिस चार्जशीट देकर वार्षिक इंक्रीमेंट रोक सकता है. साथ ही उपखंड अधिकारी मंत्रालयिक सेवा के कर्मचारियों जैसे एलडीसी, यूडीसी के लापरवाही बरतने पर वार्षिक इंक्रीमेंट भी रोक सकता है. उपखंड अधिकारी के निर्णय के खिलाफ संबंधित अधिकारी या कर्मचारी अपने विभाग की अपील अथॉरिटी के समक्ष नियम 23 के तहत अपील कर सकता है.