जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर चोरी की सूचना देने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय (एसडीआरआई) में संचालित मुखबिर प्रोत्साहन योजना को राजस्व अर्जन से संबंधित सभी विभागों में लागू करने को मंजूरी दी है. मुखबिर के रूप आमजन के साथ-साथ सरकारी कार्मिक अथवा अधिकारी भी इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के हकदार हो सकेंगे.
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राजस्व से संबंधित राज्य सरकार के विभागों जैसे-वाणिज्य कर, परिवहन, खान एवं भू-विज्ञान, पंजीयन एवं मुद्रांक तथा आबकारी आदि में वर्तमान में चल रही अलग-अलग मुखबिर प्रोत्साहन योजनाओं का समावेश प्रस्तावित योजना में किया जाएगा. साथ ही मुखबिरों को देय नकद प्रोत्साहन राशि में एकरूपता भी आएगी. मुखबिर को देय अंतरिम प्रोत्साहन राशि की सीमा अधिकतम एक लाख रुपए तक होगी तथा अंतिम प्रोत्साहन राशि की सीमा अधिकतम 25 लाख रुपये तक होगी.
पढ़ें-गहलोत कैबिनेट की आज अहम बैठक, हो सकता है ये बड़ा फैसला
योजना के तहत कर चोरी से संबंधित सूचना ऑनलाइन पोर्टल, 24 ग (7) टेलीफोन हेल्पलाइन अथवा किसी भी प्राधिकारी को व्यक्तिगत रूप से मिलकर या संचार के अन्य साधन जैसे- पत्र, फोन, ई-मेल, सीडी, डीवीडी, पेनड्राइव, एसएमएस अथवा व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से दी जा सकेगी. गहलोत ने राज्य बजट 2021-22 में इस संबंध में घोषणा की थी.