जयपुर. करौली हिंसा मामले की जांच के लिए गहलोत सरकार ने जांच कमेटी बनाई है. गृह विभाग के सचिव केसी मीणा को जांच का जिम्मा दिया गया है. वहीं, मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष के आरोप लग रहे हैं. बीजेपी ने जहां इस पूरे मामले में एक समुदाय के ऊपर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है तो वहीं सत्ता पक्ष की ओर से दौरा करने गए जनप्रतिनिधियों ने दूसरे पक्ष पर हिंसा के लिए उकसाने का मामला बताया है. राजनीतिक जनप्रतिनिधियों की ओर से इस अलग-अलग रिपोर्ट के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपने गृह विभाग के अधिकारी को इस पूरे मामले की जांच करने और उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने के निर्देश दिए हैं.
भाजपा-कांग्रेस की रिपोर्ट : राजस्थान के करौली जिले में बीते सप्ताह 2 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष के अवसर पर निकल रही रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. करौली हिंसा की जांच के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने तीन तीन नेताओं की कमेटियों का गठन किया. कमेटियों ने करौली का दौरा किया और अब दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे के खिलाफ बयान दिया. भाजपा के नेताओं का कहना है कि रैली पर पथराव सुनियोजित था और पथराव के लिए एक दिन पहले ही छतों पर भारी मात्रा में पत्थर एकत्रित किए गए थे. उधर कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा नेताओं के आरोपों की सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रैली में जानबूझकर भड़काऊ नारे लगाए गए, जिसकी वजह से उपद्रव हुआ.