जयपुर.अगस्त के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ में कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फीडबैक लेंगे. कॉन्फ्रेसिंग की तैयारियों को लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी विभागों को जरूरी तैयारी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके लिए विभागों की योजनाएं और भविष्य की कार्य योजना बनाने को कहा गया है, ताकि इसे लेकर प्रेजेंटेशन तैयार किया जा सकें.
अगस्त में गहलोत सरकार की पहली कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस हाल ही में कानून व्यवस्था का खतरा बनती घटनाओं के मद्देनजर यह कॉन्फ्रेंसिंग है. माना जा रही है यह कॉन्फ्रेंस 3 दिन तक चलने की संभावना है. जिसमें 2 दिन कलेक्टर से उनके जिले की विकास योजनाओं के बारे में किया जाएगा. साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा कहां तक लोगों को मिल पा रहा है इसके बारे में भी जानकारी ली जाएगी.
सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों और सचिवों को प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की नीति बनाने के मामले में खास फोकस के साथ ही राज्य सरकार की जरूरतों के मुताबिक पॉलिसी निर्माण की चुनौतियों को समझते हुए नीतियों में बदलाव पर भी खासा ध्यान दें. सरकार का जन घोषणापत्र इसका एक उदाहरण है. राज्य के बजट में भी विभागों के लिए एक्शन प्लान बनाया गया है. प्रजेन्टेशन को 30 जुलाई के पहले भिजवाने के निर्देश दिए गए. इनमें से बेहतरीन प्रदर्शन कॉन्फ्रेंस के दौरान रखे जाएंगे.
गहलोत सरकार की पहली कॉन्फ्रेंस इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि सरकार ने चुनाव के दौरान किए गए घोषणापत्र को सरकारी दस्तावेज में शामिल कर लिया है. अब सरकारी दस्तावेज में शामिल होने के बाद में इन घोषणाओं की क्रियांवती कहां तक पहुंची इसको लेकर भी इस कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फीडबैक लिया जाएगा.