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उच्च शिक्षा में कौशल विकास और ऑनलाइन शिक्षा पर सरकार का जोर : भंवर सिंह भाटी

राजस्थान विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सरकार की ओर से उच्च शिक्षा को लेकर किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया. इस दौरान सदन ने शिक्षा कला एवं संस्कृति की 370 अरब, 60 करोड़ 17 लाख 30 हजार रुपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी.

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कौशल विकास और ऑनलाइन शिक्षा पर सरकार का जोर

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Published : Mar 16, 2021, 10:52 PM IST

जयपुर. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उच्च शिक्षा को लेकर राज्य सरकार का ध्यान मुख्यतः 6 बिन्दुओं पर है. इनमें शिक्षा की गुणवत्ता, प्रभावी और सुदृढ़ शिक्षण एवं सेवा, शिक्षा तक सबकी पहुंच, संस्थाओं में संसाधन व्यवस्था, विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण और ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था शामिल है.

कौशल विकास और ऑनलाइन शिक्षा पर सरकार का जोर

भाटी विधानसभा में मांग संख्या 24 (शिक्षा, कला एवं संस्कृति) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. चर्चा के बाद सदन ने शिक्षा, कला एवं संस्कृति की 370 अरब, 60 करोड़ 17 लाख 30 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी.

उच्च शिक्षा में रेस ने दी मदद

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि गुणवत्ता सुधार और आवश्यकता परक सुदृढ़ प्रबंधन के लिए चलाई गई रिसोर्स असिसटेन्स एण्ड कॉलेज विद एक्सीलैन्स (RACE) योजना ने महाविद्यालयों की मांग आधारित व्यवस्थाओं, जिनमें शिक्षण, प्रबंधन, भौतिक संसाधन और वित्तीय सहायता के रुप में महाविद्यालयों की बड़ी मदद की है. उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्ष में उच्च शिक्षा में राज्य के सकल नामांकन अनुपात में सत्र 2017-18 में राजस्थान का सकल नामांकन अनुपात 21.7 से बढ़कर सत्र 2019-20 में लगभग 25 प्रतिशत हो गया है. 2021-22 की बजट घोषणा में भी 28 नवीन राजकीय महाविद्यालय खोलने के साथ ही एमबीएम विश्वविद्यालय का बिल सदन में पुर्नस्थापित किया गया है. उन्होंने बताया कि सिर्फ 2 साल में 88 नए राजकीय कॉलेज खोले गए हैं, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में केवल 73 नवीन राजकीय महाविद्यालय खोले थे. इसी के साथ 4 दिवंगत विधायकों के नाम पर 4 कन्या महाविद्यालय भी खोले गए हैं.

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उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से छात्राओं में उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना आरम्भ की गई है. सत्र 2019-20 से राजकीय महाविद्यालयों में छात्राओं के प्रवेश शुल्क से राजकीय निधि कोष की राशि माफ की गई है. अति पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत और ईडब्लूएस वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है. मूक बधिर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद 2 वर्ष की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है.

फैकल्टी की कमी दूर करने के लिए विद्या संबलन योजना

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि सत्र 2020-21 में नव सृजित राजकीय महाविद्यालयों में अध्यापन व्यवस्था के लिए ‘‘विद्या संबलन योजना‘‘ प्रारंभ की जा रही है. इस योजना के तहत सत्र 2018-19 से 2020-21 तक नव सृजित राजकीय महाविद्यालयों में यूजीसी की ओर से निर्धारित योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को गेस्ट फैकल्टी के तौर पर आमंत्रित किया जाएगा.

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि सहायक आचार्य के 918 पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन है. गत दो वर्ष में उच्च शिक्षा विभाग में 25 कनिष्ठ सहायकों, 14 प्रयोगशाला सहायकों और 11 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों समेत कुल 50 कार्मिकों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है.

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उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सामाजिक सरोकारों के लिए योगदान देने वाले भामाशाहों को पहचान देने के लिए महाविद्यालयों को उनके नाम पर किया जा रहा है. सूरतगढ़ के राजकीय महाविद्यालय को स्व. श्री गुरूशरण छाबड़ा की स्मृति में, खानपुर के राजकीय महाविद्यालय को शहीद मुकुट बिहारी मीणा के नाम पर और सांगोद के राजकीय महाविद्यालय को शहीद हेमराज मीणा के नाम पर किया गया है.

नवीन महाविद्यालयों का भवन निर्माण जारी

उन्होंने बताया कि 23 नवीन राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण डीएमएफटी फंड से किए जाने हैं. इसी क्रम में 10 कॉलेज प्रधानमंत्री जन-विकास कार्यक्रम योजनान्तर्गत बनाए जाने हैं. इनमें से एक निर्माणाधीन है और 9 महाविद्यालयों के लिए अल्पसंख्यक मामलात विभाग की ओर से शीघ्र ही राशि जारी की जाएगी. उद्योग विभाग की ओर से सीएसआर मद से राजकीय कन्या महाविद्यालय, तिवरी मथानिया के भवन का निर्माण करवाया जायेगा. जयपुर जिले के 2 महाविद्यालयों के भवन निर्माण जयपुर स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत करवाया जाना प्रस्तावित है.

उन्होंने बताया कि एक जुलाई, 2019 को राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को महाविद्यालय स्तर पर विकास संबंधी कार्यों के लिए राजस्थान राज्य छात्र निधि (राजकीय महाविद्यालय) संशोधित नियम, 2019 लागू कर दिए गए हैं. इसके अन्तर्गत स्नातक प्राचार्य- 20 लाख, स्नातकोत्तर प्राचार्य - 30 लाख, आयुक्त कॉलेज शिक्षा- 50 लाख व राज्य सरकार को 50 लाख से अधिक छात्र निधि से राशि व्यय करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं.

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उन्होंने बताया कि कोविड-19 परिस्थितियों के मद्देनजर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की मध्यवर्ती कक्षाओं के विद्यार्थियों को पिछले प्रदर्शन के आधार पर प्रमोट करने का फैसला लिया गया है. बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में 41.36 करोड़ रुपये की लागत से ऑडिटोरियम एवं इन्डोर स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का शिलान्यास किया गया. साथ ही, 12 करोड़ की लागत से आधुनिक तकनीकी युक्त शैक्षणिक भवन निर्माणाधीन है. जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 4 साइंस लैब का निर्माण करवाया गया है. भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नव निर्मित भवन का उद्घाटन किया गया है.

कौशल विकास और ऑनलाइन शिक्षा पर जोर

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में नवाचार और कौशल विकास के लिए ई-कंटेट ट्रेनिंग वर्कशॉप, ज्ञान गंगा-विषय ज्ञान संवर्धन एवं शिक्षण कौशल प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न संस्थाओं से एमओयू कर विद्यार्थियों में रोजगारोन्मुख क्षमता विकास एवं उद्यमिता प्रोत्साहन परक प्रशिक्षण आयोजित किए गए.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 परिस्थितियों के कारण ऑनलाइन शिक्षा को अपनाया गया है. राजीव गांधी ई-कंटेंट बैंक के तहत 2 लाख 38 हजार 731 वीडियो व्याख्यान और 2 लाख 16 हजार 316 पीडीएफ नोट्स अपलोड किए जा चुके हैं. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय ने ‘वीएमओयू ऐप‘ विकसित किया है. ताकि विद्यार्थी ऑनलाईन सूचना और अध्ययन सामग्री प्राप्त कर सकें. इसी क्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों ने तकनीकी और अन्य संस्थानों से एमओयू किए हैं.

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उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत प्रत्येक रूसा लाभार्थी उच्च शिक्षण संस्थानों जैसे मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर और राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर को एंटरप्रेन्योरशिप एंड करियर हब के लिए 7.5 करोड़ रूपये और रिसर्च प्रोजेक्टस के लिए 17.5 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है. इसी प्रकार महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर को कन्या छात्रावास के लिए 1.25 करोड़ रुपए, कोटा विश्वविद्यालय को आधारभूत संरचना के लिए 10 करोड़, 5 राजकीय महाविद्यालयों (कन्या टोंक, कन्या चितौड़गढ, कन्या डूंगरपुर, राजगढ़ (अलवर) व बांसवाड़ा) में से प्रत्येक को एक करोड़ रुपए, 3 मॉडल महाविद्यालयों (आबू रोड़, धौलपुर, हिंडोन सिटी) को उन्नयन के लिए प्रत्येक को एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है.

उन्होंने बताया कि राज ऋषि महाविद्यालय अलवर को गुणवत्ता उन्नयन के लिए 2.5 करोड, राजकीय कन्या महाविद्यालय, पोकरण, राजकीय महाविद्यालय, रेवदर (सिरोही) और राजकीय महाविद्यालय, बसेड़ी (धौलपुर) को नए मॉडल कॉलेज के लिए 3 करोड़, अभियांत्रिकी महाविद्यालय बाड़मेर को आधारभुत सरंचना के लिए 6.5 करोड़ रूपये राशि की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई हैं.

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि महाविद्यालयों को नैक प्रत्यायन से संबंधित सहायता के लिए सभी संभागों में डिविजन लेवल क्वालिटी एश्योरेंस सेल का गठन किया गया है. इसके तहत 25 राजकीय महाविद्यालयों में नैक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है. साथ ही, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत लाभार्थी संस्थानों के लिए मेंटरिंग, मॉनिटरिंग और पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

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