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Gehlot government clarification : विपक्ष के आरोपों के बीच दावा- कोविड पीड़ित 14,817 बच्चों और विधवाओं को दी 103 करोड़ की सहायता - कोविड पीड़ितों को मुआवजा

कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के ​परिवारों को आर्थिक सहायता पर सरकार ने आंकड़े जारी कर स्पष्टीकरण दिया है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में दावा किया गया है कि प्रदेश में 25 जून, 2021 से प्रारम्भ हुई मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना (Mukhyamantri Corona Help Scheme) में अब तक 103 करोड़ रुपए से अधिक व्यय कर 14 हजार 817 बच्चों और विधवा महिलाओं को लाभान्वित किया गया है.

Covid compensation to Kids and widows
गहलोत सरकार का स्पष्टीकरण :

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Published : Jan 13, 2022, 6:01 PM IST

Updated : Jan 13, 2022, 7:08 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोविड महामारी से पीड़ित परिवारों की आर्थिक सहायता को लेकर लगातार उठ रहे सवालों पर सरकार ने आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़ों के जरिए दावा किया गया है कि कोविड पीड़ित 14,817 बच्चों और विधवाओं को 103 करोड़ की सहायता राशि (Covid compensation to Kids and widows) के साथ इस विपदा के समय संबल दिया गया है.

सरकार की ओर से कहा गया है कि कोविड से अपनों की जान गंवाने वाले परिवारों को मुख्यमंत्री की पहल पर संबल प्रदान किया जा रहा है. ऐसे परिवारों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक संबल देने के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना, कोरोना वारियर्स सहायता योजना और एसडीआरएफ मद से अनुग्रह सहायता जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं राज्य में लागू की गई हैं. इन योजनाओं के माध्यम से हजारों परिवारों को राहत मिली है.

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14,817 बच्चों एवं विधवाओं को 103 करोड़ की सहायता

प्रदेश में 25 जून, 2021 से प्रारम्भ हुई मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना में अब तक 103 करोड़ रुपए से अधिक व्यय कर 14 हजार 817 बच्चों और विधवा महिलाओं को लाभान्वित किया गया है. योजना के तहत अब तक 182 अनाथ बच्चों को 1 करोड़ 91 लाख रुपए से अधिक, 5 हजार 640 विधवा महिलाओं के बच्चों को करीब 2 करोड़ 95 लाख एवं 8 हजार और 995 विधवा महिलाओं को करीब 99 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है.

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योजना में अनाथ बच्चों को तात्कालिक सहायता के रूप में एकमुश्त 1 लाख रुपए और 18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपए प्रतिमाह के साथ 2000 रुपए वार्षिक सहायता दी है. साथ ही, 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 5 लाख रुपए की सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है. इसी प्रकार शैक्षणिक सहायता के अन्तर्गत कक्षा 12 तक निशुल्क शिक्षा, राजकीय आवासीय विद्यालय और छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश, कॉलेज में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा के लिए अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ और मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में बेरोजगारी भत्ते का लाभ भी प्राथमिकता से देय है. विधवा महिला को 1 लाख रुपए की तात्कालिक सहायता के साथ ही 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन और विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 1000 रुपए प्रतिमाह एवं 2000 रुपए वार्षिक देय है.

18 कोरोना वारियर्स को 50-50 लाख की सहायता

कोविड की पहली लहर के दौरान ही मुख्यमंत्री ने कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे संविदा और मानदेय कर्मचारी के संक्रमित होने के साथ इलाज के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिवारों को 50 लाख रुपए की सहायता प्रदान करने के लिए कोरोना वारियर्स सहायता योजना लागू की थी. इस योजना के तहत अब तक 9 करोड़ रुपए व्यय कर 18 व्यक्तियों को 50-50 लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है.

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8633 परिवारों को 50-50 हजार की अनुग्रह राशि

इसी प्रकार कोविड महामारी के कारण मृत्यु होने पर मृतकों के परिवारों को एसडीआरएफ मद से 50 हजार रुपए की अनुग्रह सहायता दिए जाने का संवेदनशील निर्णय राज्य सरकार ने किया है. निर्णय के अनुरूप अब तक 8 हजार 633 मृतकों के आश्रित परिवारों को 50 हजार रुपए प्रति परिवार के अनुसार 43 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड महामारी से पीडि़त परिवारों को राहत पहुंचाने की दिशा में पूरी संवेदनशीलता के साथ निर्णय लिए हैं. आवश्यकता होने पर विभिन्न नियमों में शिथिलता देकर पीडि़त परिवारों को लाभान्वित किया गया है. साथ ही, मुख्यमंत्री स्वयं इन प्रकरणों की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं, ताकि एक भी पीड़ित परिवार सहायता से वंचित नहीं रहे.

सुप्रीम कोर्ट और विपक्ष ने उठाये थे सवाल

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मुआवजा राशि देने के मामले को लेकर सवाल खड़े किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान की गहलोत सरकार कुछ छुपा रही है, जिसकी वजह से वह कोर्ट में आंकड़े पैसे नहीं कर पा रही. सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई इस टिप्पणी के बाद विपक्ष ने लगातार प्रदेश की गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रदेश की गहलोत सरकार कोरोना पीड़ित लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में नाकाम रही है.

Last Updated : Jan 13, 2022, 7:08 PM IST

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