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जयपुर: किसानों ने मुख्य सचिव (CS) निरंजन आर्य को दिया ज्ञापन... MSP से कम खरीद को दंडनीय अपराध बनाने की मांग

किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) की मुख्यमंत्री आवास को घेराव करने की चेतावनी के बाद गहलोत सरकार हरकत में आ गई है. गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) ने किसानों के साथ वार्ता की है.

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किसानों ने की मुख्य सचिव से वार्ता

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Published : Nov 9, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 9:59 PM IST

जयपुर. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट नें मुख्य सचिव निरंजन आर्य को ज्ञापन सौंपकर एमएसपी से कम खरीद को दंडनीय अपराध बनाया जाने के लिए कानून बनाने की मांग की है. सीएम आवास के घेराव की चेतावनी के बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट को वार्ता के लिए बुलाया था. सचिवालय में मुख्य सचिव ने किसान प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता की. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद को लेकर किसान महापंचायत ने मंगलवार को सीएम आवास के घेराव की चेतावनी दी थी.

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में किसान शहीदी स्मारक पहुंचे और यहां से सीएम आवास की ओर कूच करने वाले थे, इससे पहले ही राज्य सरकार किसानों को वार्ता के लिए बुला लिया. किसान महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर एमएसपी से कम की खरीद को दंडनीय अपराध बनाया जाने के लिए कानून बनाने की मांग की है. जिसके लिए उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया हैं.

गहलोत सरकार ने की किसानों से वार्ता

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रामपाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार के पास कानून लाने की शक्तियां है. अगर सरकार एमएसपी पर खरीद के लिए कानून लेकर आती है तो उससे प्रदेश के किसानों को एक बड़ी राहत मिलेगी. रामपाल जाट ने कहा कि यूरिया, डीएपी खाद की किल्लत दूर हो और इसके लिए मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाए. उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत पर कांजी हाउस चालू करवाने, लावारिश पशुओं की देखरेख पंचायत के माध्यम से कराने की भी मांग रखी. इसके लिए मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने उन्हें आश्वस्त किया है.

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की नहीं हो पा रही खरीद

रामपाल जाट ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से घोषणा करने के बावजूद भी प्रदेश में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद नहीं हो पा रही. इसके कारण किसानों में आक्रोश है. किसान बाजार में अपनी फसल कम दाम में बेचने पर मजबूर है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि अन्य उपज भी 25 फीसदी ही खरीदी जा रही है. अभी 75 फ़ीसदी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद से बाहर है. जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

किसान कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर

रामपाल जाट ने कहा कि एक क्विंटल बाजरे की फसल का खर्च 1550 रुपये किसानों को पड़ रहा है. किसान कम कीमत पर 1200 से 1400 रुपए तक फसल बेचने को मजबूर है. इसलिए किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. जबकि सरकार ने एमएसपी का मूल्य 1 क्विंटल के दाम 2250 रुपये तय कर रखे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रहा है. इससे किसान परेशान है. इसके अलावा अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बेमौसम बरसात से भी किसानों को नुकसान हो रहा है. प्रीमियम लेने के बावजूद भी किसानों को खराबे का मुआवजा नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार किसानों कि हित में निर्णय लेना चाहिए.

Last Updated : Nov 9, 2021, 9:59 PM IST

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