जयपुर:राजस्थान CM हेल्पलाइन नंबर 181 (Rajasthan CM Helpline No 181) राज्य के लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए लॉन्च किया गया. इस हेल्पलाइन की सहायता (With The Help Of Helpline) से राजस्थान के सभी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से सम्बंधित शिकायत और समस्या जैसे- विभागों में कर्मचारियों के लापरवाही के कारण बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने, बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, विद्यालय, कार्यालय, शौचालय और भूमि विवाद सहित अन्य समस्याओं के निवारण के लिए संपर्क कर सकते हैं.
सीएम हेल्पलाइन (Rajasthan CM Helpline) पर अब तक 9 करोड़ 40 लाख 67 हजार 435 कुल शिकायतें दर्ज हुई , जिसमें से 9 करोड़ 39 लाख 35 हजार 566 शिकायतें का निस्तारण किया जा चुका है वहीं 1 लाख 31 हजार 869 शिकायतें पेंडिंग हैं.
गहलोत का जिला सबसे पीछे, पूर्व मुख्यमंत्री का सबसे आगे CM के जिले का Performance Downख़ास बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सबसे ज्यादा पेंडेंसी (Helpline Pendency Report In Jodhpur ) है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक जोधपुर जिले में 62 लाख 79 हजार 333 शिकायतें दर्ज हुईं. इनमें से 62 लाख 57 हजार 860 शिकायतों को निपटाया गया. जबकि 21 हजार 473 पेंडिंग हैं , इसके अलावा 168 ऐसे मामले पेंडिंग हैं जो समय अवधि खत्म होने के बाद भी निस्तारित नहीं किये गए हैं.
पूर्व सीएम का गृह जिला अव्वल
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former CM Vasundhara Raje Scindia) के गृह जिले धौलपुर में सबसे कम शिकायत है जो पेंडिंग है. धौलपुर जिले में 16 लाख 22 हजार 389 शिकायतें दर्ज हुई. इनमें से 16 लाख 22 हजार 204 शिकायतों को निपटाया गया , जबकि मात्र 185 पेंडिंग हैं. इसके अलावा किसी तरह की कोई समय अवधि खत्म होने के बाद वाली पेंडेंसी (Post Pendency In Vasundhara District) नहीं है .
जीरो टॉलरेंस पर होगा काम
जन अभियोग निराकरण विभाग (Public Grievance Redressal Department) के मंत्री सुभाष गर्ग शिकायत के त्वरित निपटारे की बात करते हैं. अपनी पीठ थपथपाते हैं. कसीदे पढ़ते हुए कहते हैं कि ये वो विभाग है जो पब्लिक की शिकायतों का समय पर निपटारा करता है. हम जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की बात करते हैं इसके लिए जरूरी है कि जनसुनवाई की पारदर्शिता (Transparency In Jansunwai) हो और मैं इस ओर ध्यान देता हूं. मैने अपने विभाग की समीक्षा की उस में सामने आया कि कुछ मामलों में पेंडेंसी है, अब उसे जल्द खत्म करेंगे.
गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि नीचे के तबके को पारदर्शिता के साथ योजनाओं का लाभ मिले. जो शिकायतें आ रही है उनका निस्तारण भी हो रहा है. किस जिले में कितनी पेंडेंसी है , इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के पास जाएगी. सुभाष गर्ग ने कहा कि जिस जिले में ज्यादा पेंडेंसी होगी उस जिले के कलेक्टर को इसके लिए जवाब देना होगा.
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