जयपुर.नगर निगम मुख्यालय पर शुक्रवार को कुछ गौसेवक एक बछड़े की तीये की बैठक करने जा पहुंचे. गौसेवकों ने निगम कर्मचारियों पर रोड एक्सीडेंट या तबीयत खराब होने पर भी गोवंश को इलाज के लिए नहीं ले जाने और सूचना देने पर असभ्य तरीके से बात करने का आरोप लगाया.
2 दिन पहले आगरा रोड पर एक गाय का बछड़ा गंभीर हालत में तड़पता मिला. स्थानीय लोगों ने इस संबंध में नगर निगम को कई फोन भी किए, लेकिन संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिला. आखिर में बछड़े की मौत हो गई और निगम के कर्मचारी ने स्थानीय लोगों को बछड़े को अपने घर ले जाने की नसीहत देते हुए फोन काट दिया. ऐसे में गुस्साए गौसेवक शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय पर उसी बछड़े की तीये की बैठक करने जा पहुंचे.
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गौसेवकों ने आरोप लगाया कि सड़कों पर आए दिन आवारा पशु एक्सीडेंट का शिकार होते हैं. कई पशु बीमारी से ग्रसित होकर रोड पर तड़पते रहते हैं, लेकिन निगम प्रशासन इनकी सुध नहीं लेता. यही नहीं जब उन्हें फोन पर सूचित किया जाता है, तो असभ्य तरीके से बात करते हैं. ऐसे में गौसेवक निगम मुख्यालय पर बछड़े की तीये की बैठक करने पहुंचे. हालांकि, ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर से मिले आश्वासन के बाद यहां तीये की बैठक रूपी प्रदर्शन नहीं किया गया.
उधर, कमिश्नर दिनेश यादव ने कहा कि गौ सेवकों के आरोप पर जांच के लिए उनके द्वारा दिए गए ऑडियो विजिलेंस कमिश्नर को दिए गए हैं. प्रकरण में यदि स्टाफ की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सड़कों पर मिल रहे आवारा मृत पशुओं को लेकर दिनेश यादव ने कहा कि प्रत्येक जोन में दो वाहन लगाने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि इस तरह की शिकायतें ना रहे.
बता दें कि नगर निगम प्रशासन हाईकोर्ट के निर्देश पर आवारा पशुओं को पकड़कर हिंगोनिया गौशाला तक पहुंचाने की कार्रवाई करता है. घायल गोवंश को भी इलाज के लिए हिंगोनिया ही ले जाया जाता है, लेकिन फिलहाल इस प्रकरण में निगम पर जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगा है.