जयपुर. राजधानी में इन दिनों एक ऐसी गैंग सक्रिय है जो नाबालिग किशोरों को टारगेट बना रही (Gang targeting minors in Jaipur) है. उनसे पहले दोस्ती करती है फिर उनके सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड प्राप्त कर अकाउंट हैक करती है. फिर किशोर के फ्रेंड लिस्ट में जुड़ी युवतियों से उनकी फोटो मंगाकर उन फोटो को एडिट कर वायरल करने की धमकी देकर किशोर को ब्लैकमेल कर मोटी राशि हड़पती है.
गिरोह के सदस्य नाबालिग किशोरों को अपना शिकार बनाने का प्रयास कर रहे हैं और कई ऐसे लोग भी हैं जो लोकलाज के भय से गिरोह का शिकार होने के बावजूद पुलिस के पास नहीं पहुंच रहे हैं. हाल ही में राजधानी के विद्याधर नगर थाना इलाके में एक पीड़ित की ओर से पुलिस को शिकायत करने पर इस गिरोह की हरकतों का पता लग सका. हालांकि पुलिस अब तक गिरोह से जुड़े हुए केवल दो ही शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर सकी है. वहीं गिरोह में शामिल तकरीबन एक दर्जन बदमाश अभी भी फरार चल रहे हैं.
किशोरों को ब्लैकमेल कर नकदी ऐंठने वाली गैंग सक्रिय इस तरह से बनाया जाता है किशोरों को शिकार: डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि गिरोह के सदस्य काफी शातिर हैं और प्रत्येक सदस्य का काम बंटा हुआ है. गिरोह के ऐसे सदस्य जिनकी उम्र 18 से 20 वर्ष के बीच की होती है. वे सबसे पहले किसी बिजनेसमैन या अच्छे परिवार के नाबालिक किशोरों को टारगेट करते हुए उनसे दोस्ती करते हैं. इसके बाद किशोर को अपने किराए के फ्लैट या मकान पर बुलाते हैं और उससे इस तरह का व्यवहार करते हैं जैसे कि उससे काफी पुरानी और गहरी दोस्ती हो.
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इसके बाद किशोर को अपने झांसे में लेकर उससे उसके सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड प्राप्त कर लेते हैं या फिर उसके सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लेते हैं. इसके बाद किशोर की फ्रेंड लिस्ट में शामिल युवतियों से संपर्क पर फोटो मंगवाते हैं और उन फोटो को न्यूड फोटो में एडिट कर किशोर को उसके अकाउंट से वह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं. जैसे ही किशोर एक बार गिरोह के सदस्यों के जाल में फंस जाता है फिर उससे मोटी राशि और जेवरात हड़पे जाते हैं.
शेयर ना करें सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड:डीसीपी नॉर्थ का कहना है कि इस तरह के गिरोह के चंगुल में आने से किशोरों को बचना चाहिए और साथ ही किशोरों के परिजनों को भी इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे किस तरह के लोगों से मिलजुल रहे हैं. किनके साथ उनका सम्पर्क है. साथ ही किशोरों को किसी भी हाल में अपने सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड व अन्य जानकारी किसी के भी साथ साझा नहीं करनी चाहिए. यदि कोई व्यक्ति उन पर ऐसा करने के लिए दबाव बना रहा है, तो तुरंत ऐसे व्यक्तियों से दूरी बना उनकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए. इसके साथ ही अपनी तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में एंटीवायरस व फायर वॉल को एक्टिव रखना चाहिए, ताकि उनके सोशल मीडिया अकाउंट को हैक नहीं किया जा सके.
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ऐसे हुआ गिरोह का खुलासा:डीसीपी नॉर्थ ने बताया कि विद्याधर नगर थाने में गत 29 जुलाई को परिवादी ने यह शिकायत दर्ज करवाई कि उसके नाबालिग बेटे के दोस्त योगेश उर्फ योगी और कुणाल मोदी ने किशोर को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए के जेवरात व राशि हड़पी (online blackmailing gang in Jaipur) है. साथ ही और राशि की डिमांड कर रहे हैं. जिस पर पुलिस ने पड़ताल करना शुरू किया तो पता चला कि गिरोह के सदस्यों ने किशोर को ब्लैकमेल कर उसे घर से कैश और जेवरात लाने के लिए कहा. जिस पर किशोर ने सोने का हार, सोने की अंगूठी, सोने की चूड़ियां और अन्य जेवरात लाकर गिरोह के सदस्यों को दे दिए. इसके बाद भी बदमाशों ने किशोर से और जेवरात की मांग की. जिससे परेशान होकर किशोर ने अपने परिजनों को आपबीती बताई और परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
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पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 3 अगस्त को कुणाल मोदी और योगेश को गिरफ्तार कर लिया, जिनके कब्जे से कुछ जेवरात भी बरामद किए गए हैं. बदमाशों ने कुछ जेवरात हरियाणा के कुरुक्षेत्र में छुपाने की बात कबूल की. जिस पर पुलिस जेवरात को बरामद करने का प्रयास कर रही है. वहीं गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिली है और उनकी तलाश की जा रही है. इसके साथ ही पुलिस अपने स्तर पर यह जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह के सदस्य और कितने किशोरों को इस तरह से अपना शिकार बना चुके हैं.