जयपुर. गांधीवादी चिंतक SN सुब्बाराव 93 साल के थे. आज सुबह करीब सवा सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. कल विधानसभा उपचुनावों के लिए प्रचार के बाद सीएम अशोक गहलोत अस्पताल पहुंचे थे. गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव की तबीयत बीते कुछ दिनों से खराब चल रही थी.
जानकारी के मुताबिक जयपुर (Jaipur) के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) में उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. लेकिन दिनों-दिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ गई थी. उनका पार्थिव देह विनोबा भावे भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव के लिए अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा. सीएम गहलोत ने वहां पहुंच कर श्रद्धांजलि दी. इससे पहले सीएम ने ट्वीट कर सुब्बाराव के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया था.
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि ये भी पढ़ें. डॉ एसएन सुब्बाराव तबीयत बिगड़ी...स्टेट हैंगर से अस्पताल पहुंच सीएम ने ली स्वास्थ्य की जानकारी
श्रमदान के लिए मशहूर इस गांधीवादी नेता का राजस्थान से खासा लगाव था. सुुब्बाराव पिछले कुछ दिनों से सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती थे. सुब्बाराव गहलोत के कहने पर ही उपचार के लिए राजस्थान आ गए थे. तभी से वे यहीं रह रहे थे. युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत माने जाने वाले गांधीवादी विचारक मूलत: कर्नाटक के रहने वाले थे.
राज्यपाल ने भी जताया दुख
एसएन सुब्बाराव के निधन पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी ट्वीट किया है. अपने पोस्ट में उन्होंने सुब्बाराव को गांधीवादी विचारक बताते हुए शोक व्यक्त किया है. साथ ही प्रार्थना की है कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे.
CM के भाई जी!
प्रसिद्व गांधीवादी चिंतक और राष्ट्रीय युवा योजना के पायोनियर डॉ एसएन सुब्बाराव (SN Subbarao) को श्रद्धांजलि देकर बाहर निकले सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि भाई जी के गीत हमेशा वो सुनते आए हैं. आज भी उनके गीत सुनकर वो उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे. सीएम बोले भाई जी के एक एक शब्द उनके लिए प्रेरणास्पद हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धा स्वरूप वो इस तरह का प्रयास करेंगे और ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करेंगे कि सुब्बाराव के भाव से युवा पीढ़ी को परिचित करवा सकें. जिससे प्रेरणा लेकर युवा देश दुनिया में मानव की सेवा कर सके.
एसएमएस अस्पताल में भर्ती थे गांधीवादी विचारक
डॉ. एसएन सुब्बाराव को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुब्बाराव की सेहत के प्रति बेहद चिंतित थे. यही वजह है कि 6 दिन 3 बार अस्पताल पहुंचकर उनकी कुशलक्षेम जानी थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बार प्राकृतिक चिकित्सालय और 2 बार SMS पहुंचकर सुब्बाराव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. कल शाम हार्ट अटैक आने के बाद उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी.
9 अगस्त 1942 को मात्र 13 साल की उम्र में जुड़ गए आजादी आंदोलन से
गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव का कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 फरवरी 1929 को जन्म हुआ था. सुब्बाराव स्कूल में पढ़ते समय महात्मा गांधी की शिक्षा से प्रेरित थे. वह 9 अगस्त 1942 को मात्र 13 साल की उम्र में आजादी आंदोलन से जुड़ गए थे. ब्रिटिश पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने पर उन्होंने दीवार पर 'QUIT INDIA' लिखा था. तभी से सुब्बा राव स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गए थे. उन्होंने छात्र जीवन के दौरान स्टूडेंट कांग्रेस और राष्ट्र सेवा दल के कार्यक्रमों में भाग लिया था. सुब्बाराव पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित थे.
सीएम गहलोत ने जताया शोक
सीएम गहलोत ने SN सुब्बाराव के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सुब्बारावजी के निधन से मुझे व्यक्तिगत आघात लगा है. 70 वर्षों से अधिक समय से देश के युवाओं से जुड़कर, लगातार अपने शिविरों के माध्यम से उन्हें प्रेरणा देने वाले देश की पूंजी गांधीवादी विचारक और प्रेरक का देहांत एक अपूरणीय क्षति है. भाईजी ने जीवनपर्यन्त युवाओं को जागरूक करने की मुहिम चलाई, विदेशों में भी वहां पर नई पीढ़ी को देश के बारे में बताया, यहां के संस्कार, संस्कृति, अनेकता में एकता का सन्देश उन तक पहुंचाने का कार्य किया. उनके शिविरों में आकर मुझे बेहद सुकून महसूस होता रहा.
गहलोत ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन उनके प्रेरणागीत और विचार प्रेरणादायी सन्देश देते रहेंगे. हम सौभाग्यशाली हैं कि राजस्थान में उनका सानिध्य हमको मिलता रहा. ईश्वर से प्रार्थना है उनके सहयोगियों एवं फॉलोवर्स को इस बेहद कठिन समय में सम्बल प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.
राहुल गांधी का ट्वीट
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गांधीवादी विचारक के निधन पर शोक जताया है. दिवंगत एस एन सुब्बाराव को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने ट्वीट किया है.
लिखा है-श्री सुब्बा रावजी के दुःखद निधन पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. वे गांधीवादी विचारधारा के जननायक रहे व चंबल के बाग़ियों के अहिंसात्मक हृदय परिवर्तन के महान अभियान में सहभागी भी.उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ.