जयपुर. राजस्थान अक्षय उर्जा निगम के सीएमडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि देश में अक्षय उर्जा के 2030 के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जून, 23 के बाद भी स्थापित होने वाले अक्षय उर्जा संयत्रों को अन्तरराज्यीय विद्युत प्रसारण तंत्र आईएसटीएस की ओर से आज की तरह निशुल्क सुविधा उपलब्ध करानी होगी. उन्होंने कहा कि अक्षय उर्जा के क्षेत्र में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है तो विश्व का सबसे बड़ा 2245 मेगावाट का सोलर पार्क जोधपुर के बाप तहसील के भादला में स्थापित किया गया है.
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल गुरुवार को वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित एनर्जी लीडरशिप समिट को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 2030 तक राजस्थान में 90 गीगावाट अक्षय उर्जा उत्पादन का लक्ष्य अर्जित किया जाना है, जबकि देश में 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय उर्जा उत्पादन का लक्ष्य है. इस समय राजस्थान 10 गीगावाट अक्षय उर्जा के उत्पादन के साथ देश में 11 प्रतिशत भागीदारी निभा रहा है.
उन्होंने बताया कि देश में 2022 तक 175 गीगावाट रिन्यूवल एनर्जी विकसित करने का लक्ष्य है, जिसके विरुद्ध मई, 21 तक 94 गीगावाट रिन्यूवल एनर्जी क्षमता विकसित की जा चुकी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि 450 गीगावाट अक्षय उर्जा उत्पादन क्षमता विकसित करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिवर्ष कम से कम 25 गीगावाट एनर्जी क्षमता विकसित करने का लक्ष्य तय करना होगा.
उन्होंने कहा कि अक्षय उर्जा क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान में सोलर एनर्जी नीति जारी कर आकर्षक रियायतें और प्रोत्साहन दिया जा रहा है. प्रदेश में 2024-25 तक 37.5 गीगावाट क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि अक्षय उर्जा के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को अन्तरराज्यीय विद्युत प्रसारण तंत्र द्वारा दी जा रही सुविधाओं को 2023 के बाद भी जारी रखना होगा.