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नौकरी लगवाने के नाम पर 1.37 करोड़ की ठगी! एमबीबीएस में एडमिशन और एम्स जोधपुर में कंपाउंडर की नौकरी का दिया था झांसा

राजधानी के प्रताप नगर थाना इलाके में एमबीबीएस में एडमिशन दिलवाने और एम्स जोधपुर में कंपाउंडर की नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ 37 लाख रुपए की ठगी (Fraud of Rupee 1 Crore 37 Lakh On the name of Job) करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. ठगी के संबंध में जोधपुर निवासी श्रीलाल गहलोत ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.

Fraud of Rupee 1 Crore 37 Lakh On the name of Job
नौकरी लगवाने के नाम पर 1.37 करोड़ की ठगी

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Published : Mar 24, 2022, 1:37 PM IST

जयपुर. एमबीबीएस में एडमिशन का दावा और जोधपुर एम्स में कंपाउंडर की पक्की नौकरी का झांसा दिया (Fraud of Rupee 1 Crore 37 Lakh On the name of Job) गया. प्रकरण की जांच कर रहे एसआई मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि वर्ष 2018 दिसंबर माह में एक न्यूज़ पेपर में विज्ञापन देखकर जोधपुर में कोचिंग क्लास का संचालन करने वाले श्रीलाल गहलोत ने जयपुर निवासी रवि चौधरी से संपर्क किया. विज्ञापन में रवि चौधरी ने एमबीबीएस में 100% एडमिशन दिलाने का दावा किया था जिसके चलते परिवादी ने रवि से संपर्क कर जयपुर आकर मुलाकात की.

तीन किस्तों में 80 लाख जमा करवाओ और एडमिशन पाओ:परिवादी ने जब जयपुर आकर दिसंबर 2018 में रवि चौधरी से मुलाकात की तो उसने प्रति छात्र 80 लाख रुपए तीन किस्तों में जमा करवाने पर गारंटी के साथ राजस्थान के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने का आश्वासन दिया. साथ ही रवि चौधरी ने परिवादी को यह गारंटी दी कि वो जितने छात्रों का एमबीबीएस में एडमिशन करवाना चाहें उतने छात्रों का एडमिशन बड़ी आसानी से हो जाएगा. इस प्रकार से परिवादी को अपनी बातों में उलझा कर रवि चौधरी ने 3 छात्रों का एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर पहली किस्त के कुल 60 लाख रुपए प्राप्त कर लिए.

इसके साथ ही रवि चौधरी ने परिवादी से छात्रों की दसवीं और बारहवीं कक्षा के अंक तालिका की फोटो कॉपी मांगी और साथ ही नीट का फॉर्म भरने के बाद उसकी फोटो खींचकर व्हाट्सएप पर भेजने के लिए कहा. इस पूरे घटनाक्रम की 8 महीने बाद जब तीनों छात्रों का एमबीबीएस में सलेक्शन नहीं हुआ तो परिवादी ने रवि चौधरी से संपर्क किया. जिस पर उसने किसी कारणवश एमबीबीएस में प्रवेश नहीं होने की बात कहते हुए तीनों छात्रों के लिए 60 लाख रुपए वापस लौटाने का आश्वासन दिया. इसके बाद रवि चौधरी ने परिवादी को 60 लाख रुपए वापस लौटा दिए और भविष्य में सब कुछ सही हो जाने पर फिर से छात्रों का एडमिशन करवाने का आश्वासन दिया.

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एमबीबीएस में प्रवेश और एम्स जोधपुर में कंपाउंडर की नौकरी का झांसा: रवि चौधरी ने दिसंबर 2019 में परिवादी से दोबारा संपर्क किया और एमबीबीएस में एडमिशन दिलवाने व एम्स जोधपुर में कंपाउंडर की नौकरी लगवाने की गारंटी देने लगा. जिस पर परिवादी रवि के झांसे में आ गया और जयपुर आकर रवि से मुलाकात की. इस दौरान रवि ने परिवादी की मुलाकात नीरज कुमार सिंह नामक एक अन्य व्यक्ति से करवाई. जिसे दिल्ली एम्स में डॉक्टर बताया और एम्स में अच्छी पकड़ होने का हवाला देकर भारत के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलवाने व एम्स जोधपुर में कंपाउंडर की नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया. इस प्रकार परिवादी ठगों के झांसे में आ गया और 3 छात्रों का एमबीबीएस में एडमिशन करावाने, एक छात्र का पीजी स्किन टेस्ट पास करवाने व एक छात्र की जोधपुर एम्स में कंपाउंडर पद पर नियुक्ति दिलवाने के नाम पर कुल 1 करोड़ 37 लाख रुपए जमा करवा दिए.

ऐसा फूटा भांडा:इसके बाद जब मार्च 2020 में नीट की परीक्षा का रिजल्ट आया तो तीनों छात्रों का किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं हुआ. साथ ही दो अन्य छात्रों की नौकरी भी नहीं (Aspirants In Rajasthan Duped Over providing Admission in MBBS) लगी. इस पर जब परिवादी ने रवि चौधरी और नीरज कुमार सिंह से संपर्क किया तो दोनों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ आए. इस पर जब परिवादी जयपुर पहुंचा और रवि चौधरी के घर गया तो उसने परिवादी को घर में घुसने नहीं दिया और साथ ही गोली मारने की धमकी देने लगा. इसके कुछ दिनों बाद परिवादी ने नीरज कुमार सिंह से संपर्क किया तो उसने छात्रों से ली गई राशि वापस लौटाने का आश्वासन दिया और कई महीनों तक टालता रहा. वर्ष 2022 के मार्च माह की शुरुआत में नीरज ने परिवादी को राशि वापस लौटाने से साफ इंकार कर दिया. इसके बाद परिवादी ने बुधवार को जयपुर पहुंच कर प्रताप नगर थाने में रवि चौधरी और नीरज कुमार सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है और दोनों बदमाशों की तलाश की जा रही है.

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