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fraud case: भारतीय सहकारिता मिशन के नाम पर 23 लाख रुपए की ठगी...मामला दर्ज - fraud of rs 23 lakh

जयपुर में भारतीय सहकारिता मिशन के नाम पर 23.82 लाख रुपए की ठगी (fraud case in The name of Indian Cooperative Mission ) का मामला सामने आया है. परिवादी ने भारतीय साक्षरता मिशन के डायरेक्टर डॉ.उपेंद्र सिंह सहित कुल 15 पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है.

fraud of 25 lakhs in jaipur
fraud of 25 lakhs in jaipur

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Published : Aug 3, 2022, 5:38 PM IST

जयपुर.राजधानी में आयुष्मान भारत योजना का हवाला देकर भारतीय सहकारिता मिशन के नाम पर वैशाली नगर थाना इलाके से ठगी का मामले सामने (fraud in the name of ayushman bharat scheme) आया हैं.ठगी को लेकर लालसोट निवासी मीठालाल सैनी और सपोटरा निवासी रामवीर सिंह ने भारतीय साक्षरता मिशन के डायरेक्टर डॉ.उपेंद्र सिंह सहित कुल 15 पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. जांच अधिकारी हेमलता शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने जनवरी 2019 में विभिन्न समाचार पत्रों में आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य सेवाओं का हवाला देते हुए फोटो छाप कर भारतीय सहकारिता मिशन के तहत प्रत्येक राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की जानकारी दी थी. इतना ही नहीं उन्होंने प्रत्येक राज्य में जन वरदान हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की स्थापना कर स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात भी कही थी.

ठगों ने अखबार में विज्ञापन देकर लोगों को भारतीय सहकारिता मिशन को सफल बनाने के लिए हेल्थ मिशन से जुड़ने और लोकसभा विकास प्रतिनिधि बनाने के लिए प्रेरित किया. इसके लिए बकायदा ठगों ने अक्टूबर 2019 में कोटा जिले में एक सेमिनार भी आयोजित किया (fraud in the name of ayushman bharat scheme ) था. इसमें भारतीय सहकारिता मिशन के उद्देश्य को लेकर लोगों को जानकारी दी गई थी और मिशन के साथ जुड़कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा भी दिया गया था. ठगों के झांसे में आकर बड़ी तादाद में लोग इस मिशन के साथ जुड़ गए और उन्होंने लाखों रुपए की राशि जमा करवा दी. परिवादी मिठालाल सैनी और रामवीर सिंह भी इस हेल्थ मिशन के साथ जुड़ गए. मिशन के साथ जुड़ते ही ठगों ने उन्हें बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए. साथ ही मिशन को सफल बनाने के लिए प्रीवेंटिव हेल्थ प्रमोटर बनाने के नाम पर 82,600 रुपए प्रति व्यक्ति के नाम पर प्राप्त किए. इसके अतिरिक्त बच्चों को कोर्स कराने के नाम पर, परीक्षा फीस और हॉस्टल खर्च आदि के नाम पर भी लाखों रुपए की राशि हड़पी गई.

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आरोपियों ने राशी लौटाने से किया इनकार: दोनों परिवादियों से आरोपियों ने कुल 23.82 लाख रुपए हड़प लिए. ठगों ने परिवादियों को 1 लाख रुपए प्रति माह का वेतन और गाड़ी और ड्राइवर देने का वादा किया. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. वहीं ठग मार्च 2022 में जयपुर में अपना कार्यालय बंद कर दिल्ली चले (fraud case in The name of Indian Cooperative Mission ) गए. परिवादियों ने जब उनसे संपर्क किया तो उन्होंने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. बार-बार संपर्क करने के बाद एक बार ठगों ने परिवादियों से बात की, इस पर परिवादियों ने उन्हें उनकी राशि वापस लौटाने के लिए कहा. इसपर उन्होंने राशि लौटाने से साफ इनकार कर दिया.

पहले भी ठगी के मामले में जा चुके थे जेल :परिवादियों ने जब अपने स्तर पर पड़ताल की तो पता चला की ठग कुछ वर्ष पूर्व मुस्कान परियोजना के नाम पर भी करोड़ों रुपए का गबन कर चुके हैं. वह जेल भी जा चुके हैं. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद दोनों परिवादियों ने वैशाली नगर थाने में मंगलवार रात एफआईआर दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू कर दी है. मामले से जुड़े तमाम तथ्यों की पड़ताल की जा रही है. राजस्थान में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी होने की संभावना है. गौरतलब है कि इससे पूर्व 22 जुलाई को भी दो लोगों ने वैशाली नगर थाने में 34.15 लाखों रुपए की ठगी के 2 प्रकरण दर्ज करवाए थे.

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