जयपुर: 50 लाख रुपए की ठगी (Fraud of 50 lakhs) मोती नगर निवासी विक्रम प्रताप सिंह के साथ हुई है. पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि नवंबर माह में उसकी मुलाकात दिनेश सिंह नामक व्यक्ति से हुई. जिसने खुद को टांक इंटरप्राइजेज का प्रोपराइटर (Proprietor of Tank Enterprises) बताया. साथ ही रेलवे में आला अधिकारियों से अच्छी जान पहचान होने का हवाला देकर विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर पार्किंग का टेंडर (Tender For Parking At Railway Station In Jaipur) दिलाने का झांसा देकर सेंट्रल स्पाइन स्थित अग्रसेन टावर में मिलने के लिए बुलाया.
पीड़ित कथित आरोपी दिनेश सिंह से मिलने उसके कार्यालय पहुंचा. यहां दिनेश ने पीड़ित की मुलाकात दशरथ सिंह नामक एक अन्य व्यक्ति से कराई. दशरथ सिंह ने जल्द से जल्द पार्किंग का टेंडर दिलाने का आश्वासन दिया (Tender For Parking At Railway Station In Jaipur)और करोड़ों रुपयों का टेंडर दिलाने का झांसा देकर सिक्योरिटी अमाउंट व अन्य चार्ज बताकर 50 लाख रुपए जमा कराने के लिए कहा.
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ठगों के झांसे में आकर पीड़ित ने 50 लाख रुपए दे दिए (Fraud of 50 lakhs) और 1 महीने से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद जब टेंडर नहीं मिला तो पीड़ित ने दिनेश व दशरथ से संपर्क किया. दोनों के मोबाइल फोन बंद आए. इस प्रकार के ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने विद्याधर नगर थाने में दिनेश सिंह और दशरथ सिंह के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया है. फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 406, 383, 384, 506 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है.
कंपनी का मालिक बता नौकर ने ठग लिए 37 लाख
राजधानी के आदर्श नगर थाना इलाके में ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. बिलकुल फिल्मी अंदाज में यहां ठग ने खुद को एक आईटी फर्म का मालिक (Thugs Posed As IT Firm Owner In Jaipur) बता कर प्लॉट बेचने के नाम पर 37 लाख रुपए की ठगी (Sell Plot With Forgery In Jaipur) की है. ठगी के इस संबंध में राजा पार्क निवासी विशाल अरोड़ा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.
शिकायत में कहा है कि कुछ महीने पहले पीड़ित की मुलाकात सिराज नामक व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को एक आईटी फर्म का मालिक बताया. इसके बाद पीड़ित और सिराज की अनेक बार मुलाकात हुई और दोनों मैं दोस्ती हो गई. पीड़ित अपने लिए शहर में प्लॉट ढूंढ रहा था. इसके बारे में उसने सिराज को बताया. सिराज ने कहा कि उसने व उसकी पत्नी ने शहर में अनेक प्लॉट ले रखे हैं जिन्हें वह बेचना चाहते हैं. जिस पर पीड़ित ने सिराज से ही उसका एक प्लॉट खरीदने की बात कही.
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इसके बाद सिराज व उसकी पत्नी आशिया पीड़ित के घर पहुंचे और प्लॉट के कागजात दिखाकर 37 लाख रुपए में सौदा किया. पीड़ित से 37 लाख रुपए सिराज ने अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए और जल्द ही प्लॉट की रजिस्ट्री करवा कर उसके कागजात पीड़ित को देने का आश्वासन दिया. 2 महीने बीत जाने के बाद भी जब सिराज ने प्लॉट के कागज पीड़ित को नहीं दिए तो पीड़ित ने सिराज को फोन लगाया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ आया.
पीड़ित जब सिराज के फ्लैट पर पहुंचा तो वह फ्लैट भी खाली मिला. इसके बाद पीड़ित उस आईटी फर्म के ऑफिस पहुंचा जिसे सिराज ने अपना बताया था. वहां जाकर जब पीड़ित ने पड़ताल की तो पता चला कि सिराज उस आईटी फर्म का मालिक ना होकर वहां पर काम करने वाला एक नौकर है जो पिछले कई दिनों से ऑफिस नहीं आ रहा है. इस तरह से ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित ने आदर्श नगर थाने पहुंच ठगी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश करना शुरू किया है.