जयपुर.राजधानी में एक बार फिर साइबर ठगों द्वारा एक छात्रा को एमबीबीएस कराने के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर 2.5 लाख रुपए की ठगी की गई है. इस संबंध में छात्रा के पिता हरीश शर्मा ने सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि उनकी बेटी काफी लंबे समय से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए तैयारी कर रही है और पूर्व में परीक्षाएं भी दे चुकी है. गत दिनों पूर्व दिलीप सिंह नामक एक व्यक्ति ने फोन कर छात्रा को एमबीबीएस कराने के लिए काउंसलिंग में मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने का झांसा दिया.
मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने की एवज में फोन करने वाले दिलीप सिंह नामक व्यक्ति ने 2.5 लाख रुपए की डिमांड की. जिस पर हरीश शर्मा ने 2.50 लाख रुपए दिलीप सिंह द्वारा बताए गए खाते में जमा करवा दिए. रुपए जमा करवाने के बाद भी दिलीप सिंह द्वारा छात्रा की ना तो काउंसलिंग करवाई गई और ना ही मेडिकल कॉलेज में दाखिला करवाया गया. जब हरीश शर्मा ने दिलीप सिंह से फोन पर बात की तो उसने कुछ दिन इंतजार करने को कहा और फिर बाद में दाखिला कराने से इनकार करते हुए 2.5 लाख रुपए लौटाने से भी मना कर दिया. जिस पर हरीश शर्मा ने सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.
कैब चालक पिता पुत्र के नाम से ऑनलाइन खाता खोल जमा करवाई ठगी की रकम
पश्चिम बंगाल में साइबर ठगों ने लोगों से ठगी गई लाखों रुपए की राशि जयपुर के आधा दर्जन बैंक खातों में जमा करवाई और यह खाते कैब चालक पिता-पुत्र के नाम से खुलवाए गए. कैब चालक पिता-पुत्र को भी साइबर ठगों की जालसाजी का पता तब लगा, जब उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस की तरफ से नोटिस प्राप्त हुआ. इस संबंध में सिविल लाइन्स भगवत वाटिका निवासी महेंद्र गुप्ता द्वारा साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है.
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शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से एक नोटिस मिला है, जिसमें महेंद्र गुप्ता और उनके पुत्र भावेश गर्ग के नाम से राजधानी के अलग-अलग बैंकों में आधा दर्जन खाता खुलवा कर साइबर ठगों द्वारा लोगों से ठगी गई लाखों रुपए की राशि जमा करवाई गई है. जब इस संबंध में कैब चालक महेंद्र गुप्ता ने बैंक की शाखा से संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि यह तमाम बैंक खाते ऑनलाइन खोले गए हैं.
कैब चालक महेंद्र की उम्र 71 वर्ष है और उनका बेटा भी उसी कंपनी की बाइक चलाता है, जिस कंपनी की वह कैब चलाते हैं, साइबर ठगों की इस करतूत के चलते अब कैब चालक पिता-पुत्र पर पश्चिम बंगाल पुलिस की कार्रवाई का डर बना हुआ है. हालांकि जयपुर की साइबर थाना पुलिस द्वारा पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क कर इस प्रकरण में जानकारी मांगी गई है.