जयपुर.राजधानी में अलग-अलग तरह के प्रलोभन देकर लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठग लगातार लाखों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम देने में लगे हुए हैं. लाखों रुपए की ठगी के तीन नए प्रकरण सामने आए हैं. जिसमें विदेश में रेस्टोरेंट बेचने, बीएसएफ में नौकरी लगाने और निवेश के नाम पर लोगों से मोटी राशि ठगी गई है.
मोरक्को में रेस्टोरेंट खोलने के नाम पर ठग लिए 25 लाख: ठगी का एक मामला आदर्श नगर थाने में तिलक नगर निवासी अरविंद रावत ने दर्ज करवाया (Fraud in the name of opening restaurant in Morocco) है. प्रकरण की जांच कर रहे एएसआई यूनुस अली ने बताया कि वर्ष 2018 में परिवादी के एक परिचित उमेश गुप्ता ने उसकी मुलाकात दिवाकर प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति से करवाई. जिसने मोरक्को में रेस्टोरेंट्स खोलने की बात कहते हुए परिवादी को व्यापार करने के लिए कहा. दिवाकर ने परिवार को यह बताया की रेस्टोरेंट का काम जारी है और उसे एक्सटेंड किया जा रहा है. दिवाकर ने परिवादी को मोरक्को का रेस्टोरेंट संचालन योग्य स्थिति में तैयार करके देने और उसके बाद रेस्टोरेंट का संचालन अपने हिसाब से करने का झांसा देकर 'सलाम नमस्ते फूड' नाम से कंपनी का गठन किया. इसके बाद दिवाकर ने परिवादी को मोरक्को ले जाकर वह जगह भी दिखाई जहां पर रेस्टोरेंट का काम किया जाना था.
साथ ही परिवादी की मुलाकात अपनी पत्नी मरियम से करवाई जोकि मूल रूप से मोरक्को की निवासी थी. मोरक्को विजिट करने के बाद परिवादी निश्चिंत हो गया और उसने अलग-अलग बारी में कुल 25 लाख रुपए दिवाकर द्वारा बताए गए बैंक खातों में जमा करवा दिए. उसके बाद परिवादी ने वर्ष 2019 में मोरक्को जाकर रेस्टोरेंट की स्थिति देखी तो वहां पर किसी भी तरह का कोई काम नहीं हुआ पाया. जिस पर परिवादी ने जब दिवाकर से संपर्क किया तो उसने जल्द ही सारी राशि वापस लौटाने का आश्वासन दिया. इसके बाद आरोपी 2 साल तक परिवादी को कोई ना कोई बहाना कर टालता रहा और गत दिनों पहले आरोपी ने परिवादी को राशि वापस लौटाने से साफ इनकार कर दिया. जिस पर परिवादी ने मंगलवार देर रात पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
पढ़ें:जयपुर: मजदूरों को विदेश भेजने के नाम पर लाखों की ठगी, अब सूदखोर कर रहे परेशान
बीएसएफ में नौकरी लगवाने के नाम पर 16.25 लाख रुपए ठगे: ठगी का दूसरा मामला करधनी थाने में भास्कर नगर निवासी योगेंद्र जाट ने दर्ज करवाया है. प्रकरण की जांच कर रहे एएसआई विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि नवंबर 2020 में चाय की दुकान पर परिवादी की मुलाकात नितेश शर्मा नामक व्यक्ति से हुई. उसने बीएसएफ में अच्छी जान पहचान होने की बात कहते हुए परिवादी की बीएसएफ में नौकरी लगाने की बात की. इसके बाद करण ने परिवादी की मुलाकात अपनी पत्नी सरिता शर्मा से करवाई जिसने परिवादी को बीएसएफ में नौकरी लगवाने का पूरा भरोसा दिलवाया. परिवादी का विश्वास जीतने के लिए सरिता ने बताया कि उसके भाई सांवरमल की बीएसएफ में नौकरी भी नितेश ने लगवाई है.